Odisha High Court stays Mohan Majhi government plan restructuring women SHG groups ओडिशा हाई कोर्ट से माझी सरकार को झटका, मिशन शक्ति योजना में बदलाव पर लगाई रोक, India Hindi News - Hindustan
Hindi Newsदेश न्यूज़Odisha High Court stays Mohan Majhi government plan restructuring women SHG groups

ओडिशा हाई कोर्ट से माझी सरकार को झटका, मिशन शक्ति योजना में बदलाव पर लगाई रोक

  • मिशन शक्ति विभाग से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया कि यह पुनर्गठन प्रक्रिया मोहन चरण माझी की रणनीति का हिस्सा थी, जिसका मकसद बीजेपी की राजनीतिक और चुनावी संभावनाओं को मजबूत करना था। ऐसे में अदालत के फैसले से उन्हें झटका लगा है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, देवब्रत मोहंतीMon, 21 April 2025 06:08 PM
share Share
Follow Us on
ओडिशा हाई कोर्ट से माझी सरकार को झटका, मिशन शक्ति योजना में बदलाव पर लगाई रोक

ओडिशा हाई कोर्ट ने मोहन माझी सरकार की मिशन शक्ति योजना के पुर्नगठन पर रोक लगा दी है। अदालत ने इसके तहत सामुदायिक संस्थानों से संबंधित दिशानिर्देशों को अगली सुनवाई तक स्थगित कर दिया। जस्टिस साशिकांत मिश्रा की सिंगल जज बेंच ने मिशन शक्ति डिपार्टमेंट की 2 गाइडलाइंस पर स्टे लगाया। इनमें कहा गया था कि कोई भी मेंबर लगातार दो कार्यकाल तक पदाधिकारी नहीं रह सकता। किसी भी कम्युनिटी इंस्टीट्यूशन लेवल (क्लस्टर लेवल फोरम, ग्राम पंचायत लेवल फेडरेशन, ब्लॉक लेवल फेडरेशन और डिस्ट्रिक्ट लेवल फेडरेशन की एग्जीक्यूटिव कमेटी) में एक परिवार से सिर्फ एक सदस्य ही EC का मेंबर बनेगा। उसी परिवार के दूसरे सदस्य या नजदीकी रिश्तेदार उस सामुदायिक संस्थान की कार्यकारी समिति के सदस्य बनने के पात्र नहीं होंगे।

ये भी पढ़ें:कर्नाटक में वायुसेना अधिकारी पर हमला; खून से लथपथ हालत में बोला- भगवान मदद करें
ये भी पढ़ें:जहर दिया, बंधक बनाया; रिवॉल्वर कीजिए जब्त, पूर्व DGP की पत्नी ने भेजे थे संदेश
ये भी पढ़ें:केस फाइल कीजिए, लेकिन इजाजत... निशिकांत दुबे के खिलाफ कार्रवाई पर क्या बोला SC

उच्च न्यायालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई 15 मई तय की। राज्य सरकार के आदेश को बिष्णुप्रिया मोहापात्रा ने चुनौती दी थी। इस साल जनवरी में, मोहन माझी सरकार ने मिशन शक्ति के पुनर्गठन की घोषणा की थी। इसमें स्वयं सहायता समूहों के जमीनी नेतृत्व को समाप्त करने और प्रत्येक घर को आय-सृजन पहलों से जोड़ने की तैयारी थी। इसका उद्देश्य कार्यक्रम में पारदर्शिता लाना और इसे व्यवस्थित करना बताया गया। विभाग ने जनवरी में कहा था कि इस पुनर्गठन प्रक्रिया से एसएचजी स्तर पर 12.42 लाख नए पदाधिकारी और सीएलएफ स्तर पर 11.58 लाख कार्यकारी समिति सदस्य नेतृत्व की भूमिका निभाएंगे।

मिशन शक्ति को लेकर माझी सरकारी पर क्या आरोप

विभिन्न संस्थागत स्तरों पर कुल मिलाकर 35 लाख से अधिक महिला सदस्यों को एसएचजी और उनके फेडरेशनों में नेतृत्व की भूमिका निभाने का मौका मिलता। हालांकि, मिशन शक्ति विभाग से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया कि यह पुनर्गठन प्रक्रिया मोहन चरण माझी की रणनीति का हिस्सा थी, जिसका मकसद बीजेपी की राजनीतिक और चुनावी संभावनाओं को मजबूत करना था। इसके जरिए अपनी विचारधारा के प्रति सहानुभूति रखने वाले नेताओं को आगे लाना और बीजेडी के जमीनी प्रभाव को कमजोर करना था। इससे बीजेपी को महिलाओं के बीच एक नया और वफादार मतदाता आधार बनाने में मदद मिल सकती है। खासतौर से इस बात को ध्यान में रखते हुए कि ओडिशा की चुनावी राजनीति में महिलाओं की निर्णायक भूमिका रही है।