किसी भी देश में हो आतंकी घटना, पाकिस्तान का ही उसमें हाथ; जापान में बोले संजय झा
संजय झा ने स्पष्ट किया कि यह प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की सीमापार आतंकवादी गतिविधियों को लेकर विश्व समुदाय को अवगत कराने के लिए विभिन्न देशों का दौरा कर रहा है।

भारत की ओर से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनमत तैयार करने के उद्देश्य से गठित संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, कोलंबिया, ग्रीस और दक्षिण कोरिया के राजदूतों के साथ संवाद किया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने आतंकवाद को लेकर भारत के स्टैंड से दुनिया के कई देशों को अवगत कराया।
उन्होंने बैठक में भारत की ओर से एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरे विश्व की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि हर आतंकी गतिविधि की कोई न कोई कड़ी पाकिस्तान से जुड़ी होती है।
बैठक के दौरान सांसद संजय झा ने कहा, “दुनिया की हर बड़ी आतंकी गतिविधि की कोई न कोई कड़ी पाकिस्तान से जुड़ी होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब यह ‘न्यू नॉर्मल’ है। अब बहुत हो चुका है। अगर हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचा तो भारत चुप नहीं बैठेगा। हम मुंहतोड़ जवाब देंगे।”
उन्होंने आगे कहा, "हम अलग-अलग देशों में जाकर दुनिया को यह बता रहे हैं कि आज भारत है, कल आप हो सकते हैं। इसलिए आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई सबकी है, सिर्फ भारत की नहीं। कोई भी तटस्थ रहकर सुरक्षित नहीं रह सकता। हमें एकजुट होकर इस वैश्विक खतरे से लड़ना होगा।"
संजय झा ने स्पष्ट किया कि यह प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान की सीमापार आतंकवादी गतिविधियों को लेकर विश्व समुदाय को अवगत कराने के लिए विभिन्न देशों का दौरा कर रहा है। उन्होंने कहा, "हम अपने देशवासियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हम दुनिया को बता रहे हैं कि पाकिस्तान न सिर्फ आतंकवाद को शरण देता है, बल्कि उसे प्रशिक्षण, हथियार और धन भी प्रदान करता है। इसे अब विश्व मंच पर बेनकाब करना जरूरी है।"
भारत ने पहलगाम हमले के बाद छह-सात मई की रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की इन करतूतों का माकूल जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।