पीएम मोदी की टीम में एमजे अकबर की वापसी, 7 साल पहले क्यों छोड़ना पड़ा था केंद्रीय मंत्री का पद?
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की एक बार फिर वापसी हुई है। सात साल पहले केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें पहली बार तवज्जो मिली है। वह विदेश जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।

जानेमाने पत्रकार और राजनेता एमजे अकबर की पीएम मोदी की टीम में एक बार फिर वापसी हो गई है। दरअसल केंद्र सरकार पाकिस्तान का पोल खोलने के लिए जो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेज रहा है उसमें एमजे अकबर का भी नाम है। सात साल पहले 2018 में उन्हें मीटू के आरोपों के बाद विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मोदी सरकार वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा खोलने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को रवाना करने वाली है।
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर का सच बताने के लिए ये टीमे अलग-अलग देशों का दौरा करेंगी। इसमें बीजेपी की तरफ से रवि शंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस से शशि थरूर, जेडीयू से संजय कुमार झा, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी (SP) से सुप्रिया सुले र शिवसेना से श्रीकांत शिंदे को शामिल किया या है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद की टीम में एमजे अकबर को भी जगह दी गई है। यह टीम यूरोपीय यूनियन और यूरोप के देशों जैसे कि यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली और डेनमार्क का दौरा करेगी।
बता दें कि आतंकवाद को लेकर एमजे अकबर पाकिस्तान के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना की भी जमकर तारीफ की थी। उन्होंने पीएम मोदी की भी तारीफ करते हुए कहा था कि लोग जो सोच भी नहीं सकते आप उसे मुमकिन करके दिखा देते हैं। आपने पाकिस्तान का भी वही हाल किया है। बता दें कि एमजे अकबर ने लंबे समय तक पत्रकारिता की और इसके बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। 1989 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर किशनगंज बिहार से चुनाव लड़ा था। दो साल बाद 1991 में दोबारा हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद 2014 में वह बीजेपी में शामिल हो गए। एक साल तक पार्टी के प्रवक्ता रहने के बाद 2015 में उन्हें राज्यसभा भेजा गया और फिर विदेश राज्य मंत्री बना दिया गया। 2018 में वह मीटू आंदोलन की चपेट में आ गए। उनपर उनके साथ ही काम कर चुकी महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगा दिए।हालांकि एमजे अकबर ने इन आरोपों को निराधार बताया था। उनपर आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ उन्होंने मानहानि का केस कियाष हालांकि दिल्ली की एक अदालत ने 2021 में रमानी को बरी कर दिया। इसके बाद एमजे अकबर दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे और कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी। दिल्ली हाई कोर्ट ने रमानी को नोटिस भेजा।
एमजे अकबर केंद्रीय मंत्री के पद से हटने के बाद नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी के कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष बने थे। हालांकि 2019 में जब सोसाइटी का पुनर्गठन किया गया तो उनके पास से यह पद भी चला गया। अब एक बार फिर वह पीएम मोदी की टीम में नजर आएंगे। इस टीम में विपक्ष के भी चेहरे शामिल हैं।