क्या है रोहित वेमुला एक्ट, 3 राज्यों में लाने की तैयारी में कांग्रेस; राहुल गांधी ने लिखा पत्र
- कांग्रेस ने वर्ष 2023 के अपने रायपुर महाधिवेशन में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक वर्गों के छात्रों का सम्मान एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘रोहित वेमुला अधिनियम’ नामक एक विशेष कानून पारित करेगी।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में ‘रोहित वेमुला अधिनियम’ लागू किया जाए ताकि वंचित वर्गों के किसी छात्र को जातिवाद का वो दंश नहीं झेलना पड़े जिसे बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, रोहित वेमुला और करोड़ों लोगों ने झेला है।
इससे पहले उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को भी पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में ‘रोहित वेमुला अधिनियम’ लागू किया जाए। इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है।
कांग्रेस ने वर्ष 2023 के अपने रायपुर महाधिवेशन में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक वर्गों के छात्रों का सम्मान एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘रोहित वेमुला अधिनियम’ नामक एक विशेष कानून पारित करेगी।
हैदराबाद विश्विद्यालय के छात्र रहे रोहित वेमुला ने जनवरी, 2016 में कथित जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या कर ली थी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रेड्डी और सुक्खू को 17 अप्रैल को लिखे गए पत्र साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, "जब तक हर छात्र को बिना भेदभाव के सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर नहीं मिलेगा, तब तक हमारी शिक्षा व्यवस्था सभी के लिए न्यायपूर्ण नहीं हो सकती।"
उन्होंने कहा, 'कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जी को पत्र लिखने के बाद मैंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी जी को पत्र लिखकर ‘रोहित वेमुला अधिनियम’ लागू करने का आग्रह किया है।'
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी हर बच्चे को शिक्षा तक समान पहुंच दिलाने और जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
पत्र में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'बाबासाहेब आंबेडकर ने दिखाया था कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे वंचित भी सशक्त बन कर जातिभेद को तोड़ सकते हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दशकों बाद भी लाखों छात्र हमारी शिक्षा व्यवस्था में जातिगत भेदभाव का सामना कर रहे हैं।'
उनका कहना था कि इसी भेदभाव ने रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार छात्र-छात्राओं की जान ले ली।
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी भयावह घटनाएं किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा कि अब इस अन्याय पर पूरी तरह से रोक लगाने का वक्त है।