राष्ट्रपति को आदेश दें? पहले ही दखल के आरोप लग रहे, बंगाल हिंसा पर SC की टिप्पणी
- बंगाल में हिंसा का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या हम राष्ट्रपति को राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश दें? पहले ही हम पर कार्यपालिका के दखल के आरोप लग रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर प्रतिक्रिया दी जिसमें पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग की गई थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान सीनियर जज बीआर गवई ने टिप्पणी की, "आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को राष्ट्रपति शासन लगाने का निर्देश दें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका के क्षेत्र में दखल देने का आरोप लग रहा है।" यह टिप्पणी वकील विष्णु शंकर जैन की ओर से दायर उस याचिका पर आई, जिसमें वक्फ संशोधन कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शासन की मांग की गई है। बता दें कि जस्टिस गवई अगले महीने भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं।
यह टिप्पणी उस समय आई है जब सुप्रीम कोर्ट और सत्तारूढ़ दल के नेताओं के बीच टकराव की स्थिति बन रही है। तमिलनाडु केस में दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद यह मामला गरमा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में राज्यपाल द्वारा विधेयकों को अनिश्चितकाल तक रोके रखने को "मनमाना" करार दिया था और अनुच्छेद 142 के तहत विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल की कार्रवाई को निरस्त कर दिया था।
निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर बवाल
तमिलनाडु केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई बीजेपी नेताओं ने न्यायपालिका की तीखी आलोचना की है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "अगर सब कुछ सुप्रीम कोर्ट को ही करना है तो संसद और विधानसभा बंद कर दीजिए। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाएं लांघ रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, “राम मंदिर, कृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी जैसे मामलों में कोर्ट कागज दिखाने को कहता है, लेकिन मुगलों के बाद बनी मस्जिदों पर कहता है, कैसे दिखाएंगे? देश में धार्मिक युद्ध भड़काने का जिम्मेदार सुप्रीम कोर्ट है।”
बीजेपी नेता दिनेश शर्मा ने भी कहा कि "कोई भी राष्ट्रपति को चुनौती नहीं दे सकता, राष्ट्रपति सर्वोच्च हैं। सुप्रीम कोर्ट उन्हें आदेश नहीं दे सकता।" उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी अदालत की आलोचना करते हुए कहा, "हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां आप राष्ट्रपति को निर्देश दें। अनुच्छेद 142 अब लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ एक 'न्यूक्लियर मिसाइल' बन गया है, जो न्यायपालिका के पास 24x7 उपलब्ध है।"
बीजेपी ने बनाई दूरी
विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सफाई दी है कि पार्टी इन बयानों से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा, "ये नेताओं के व्यक्तिगत बयान हैं, इनसे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। बीजेपी ऐसे बयानों का पूरी तरह खंडन करती है।"