हरियाणा से खदेड़े गए तो दिल्ली भाग आए, 12 बच्चे सहित 18 अवैध बांग्लादेशी दबोचे गए
कुल 18 व्यक्ति जिनमें 6 वयस्क और 12 बच्चे शामिल हैं। उनके पास से 4 बांग्लादेशी आईडी और प्रतिबंधित IMO ऐप इंस्टॉल किया हुआ और 1 मोबाइल फोन मिला है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने राजधानी में अवैध रूप से रह रहे 18 बांग्लादेशी पकड़ लिए हैं। इन्हें फॉरेन सेल की टीम ने एक खास ऑपरेशन के दौरान 3 जून को पीएस भारत नगर इलाके में छापेमारी के दौरान दबोचा गया है। कुल 18 व्यक्ति जिनमें 6 वयस्क और 12 बच्चे शामिल हैं। उनके पास से 4 बांग्लादेशी आईडी और प्रतिबंधित IMO ऐप इंस्टॉल किया हुआ और 1 मोबाइल फोन मिला है।
हरियाणा से आकर जे.जे. कॉलोनी में छिप गए
इलाके में अवैध प्रवासियों (घूसपैठियों) की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद ऑपरेशन शुरू किया गया। एक गुप्त सूचना मिली थी कि तीन परिवार हरियाणा से आए हैं और अब वजीरपुर जे.जे. कॉलोनी में छिपे हुए हैं। इनके लगातार ठिकाना बदलने की बात सामने आ रही थी। इंस्पेक्टर विपिन कुमार (फॉरेन सेल) की निगरानी में एक टीम गठित की गई, जिसने अभियान चलाकर छापेमारी को अंजाम दिया।
36 फुटपाथ और 45 गलियों की हुई तलाशी
अभियान के दौरान, टीम ने इलाके की घेराबंदी की और गहन वैरीफिकेशन अभियान चलाया। लगभग 36 फुटपाथ और 45 गलियों की जाँच की गई। अभियान के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा गया और उससे लंबी पूछताछ की गई। पहले तो उसने गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन कड़ी पूछताछ के बाद उसने स्वीकार किया कि वह बांग्लादेशी है।
हरियाणा से खदेड़े गए तो दिल्ली भाग आए
पूछताछ के दौरान पता चला कि ये परिवार हरियाणा में रेड क्ले ब्रिक्स कंपनी (भट्टा कंपनियों) में मजदूर के रूप में काम कर रहे थे और हरियाणा पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के कारण वे दिल्ली चले आए। यहां आकर वजीरपुर और उत्तर पश्चिम जिले के आसपास के इलाकों में जेजे क्लस्टर में रहने की योजना बनाई। उनके कहने पर परिवार के अन्य सदस्यों को भी पकड़ा गया।
18 बांग्लादेशियों के पास क्या हुआ बरामद
कुल 18 व्यक्ति जिनमें 6 वयस्क और 12 बच्चे शामिल हैं। ये सभी बांग्लादेशी नागरिक पाए गए जो वैध यात्रा दस्तावेजों, वीजा या परमिट के बिना ही इलाके में रह रहे थे। इस कारण इन लोगों ने विदेशी अधिनियम, 1946 और अन्य प्रासंगिक आव्रजन कानूनों के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ।
सभी व्यक्तियों को मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया और विस्तृत पूछताछ और दस्तावेजीकरण के लिए विदेशियों के सेल में भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान उनके पास से 4 बांग्लादेशी आईडी और प्रतिबंधित IMO ऐप इंस्टॉल किया हुआ और 1 मोबाइल फोन मिला है।