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दिल्ली की सरकार गई, मेयर भी छिना; अब AAP को लगने वाला है एक और झटका

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के लिए मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। दिल्ली सरकार और नगर निगम की सत्ता छिन जाने के बाद 15 पार्षदों ने भी इस्तीफा देकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, हिन्दुस्तान टाइम्सTue, 20 May 2025 10:37 AM
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दिल्ली की सरकार गई, मेयर भी छिना; अब AAP को लगने वाला है एक और झटका

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के लिए मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। दिल्ली सरकार और नगर निगम की सत्ता छिन जाने के बाद 15 पार्षदों ने भी इस्तीफा देकर इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (IVP) नाम से नया दल बनाने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद अब 'आप' को अहम समितियों और पैनल के चुनाव में उम्मीदों को झटका लग सकता है।

एमसीडी के खजाने पर नियंत्रण रखने वाली स्टैंडिंग कमिटी और वार्ड समितियों (12 प्रशासनिक क्षेत्रों में व्यापक पैनल) के चुनावों से पहले इस टूट से 'आप'को बड़ा नुकसान होगा। तीसरे मोर्चे की वजह से दक्षिण, पश्चिम और रोहिणी क्षेत्रों में आप की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। अन्य जगहों पर भी इसकी पकड़ को भी कम कर सकता है।

एक भाजपा नेता ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि पार्टी को 18 सदस्यीय स्टैंडिंग कमिटी में महज 2 सदस्यों की बढ़त थी, क्योंकि कुछ सीटों पर चुनाव अदालत में विचाराधीन थी। उन्होंने कहा , ‘अब तीसरा मोर्चा बन जाने से मार्जिन बढ़ेगा और अहम समितियों में भाजपा की पकड़ को मजबूत करेगा।’ जिन 15 पार्षदों ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया है, उनमें से तीन साउथ जोन, चार वेस्ट जोन और दो नरेला जोन से हैं। रोहिणी, शाहदरा साउथ और सिविल लाइन्स जोन से एक-एक हैं।

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यह घटनाक्रम नगर निगम की सत्ता में भाजपा की वापसी के कुछ दिनों के बाद ही सामने आया है। 'आप' के चुनाव बहिष्कार के बाद भाजपा ने आसानी से नगर निगम पर कब्जा कर लिया और उसके पार्षद राजा इकबाल सिंह मेयर चुने गए। 2022 के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा के 104 उम्मीदवार ही जीत पाए थे। 15 सालों बाद भाजपा के हाथ से निगम की सत्ता फिसल गई थी।

हालांकि, चुनाव के बाद से ही लगातार पार्षदों की टूटफूट जारी रही। 2024 में 'आप' ने महज तीन वोटों से मेयर पद पर जीत हासिल की थी। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 18 में से 15 स्टैंडिंग कमिटी सद्सय मौजूद हैं, जिनमें से छह 'आप' और 9 भाजपा से हैं। दिल्ली विधानसभा में पार्षदों के जीतने से तीन सीटें खाली हैं। मुंडका से भाजपा पार्षद गजेंद्र दराल, आप के चांदनी चौक और अंबेडकर नगर से पार्षद प्रदीप और प्रम चौहान के जीतने से पद खाली हो गए थे।

एमसीडी अधिकारियों ने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि मेयर बन चुके इकबाल सिंह स्टैंडिंग कमिटी का हिस्सा रहेंगे या नहीं। सभी 12 एमसीडी जोन्स में एक वॉर्ड कमिटी है जिसकी अगुआई अध्यक्ष करते हैं। हर वॉर्ड कमिटी को एक स्टैंडिंग कमिटी सदस्य का चुनाव करना होता है। सितंबर 2024 में भाजपा ने 12 में से 7 जोन में जीत हासिल की थी,जबकि आप को 5 में जीत मिली थी।

निगम अधिकारी ने कहा, '12 वॉर्ड समितियों में आप अब केवल दो में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद जीतने में सहज है। अन्य 10 पैनल में भाजपा या तो बहुमत के पार या पास है। चुनाव में तीसरे मोर्चे के पार्षदों की भूमिका अहम होगी। कई जोन में तीसरे फ्रंट की भूमिका निर्णायक होगी।'

अधिकारी ने बताया कि भाजपा साउथ जोन में बढ़त के करीब है, जिसमें 23 पार्षद हैं। इनमें से छह भाजपा और 10 आम आदमी पार्टी के हैं। उन्होंने कहा, 'एक पार्षद कांग्रेस से है और तीन तीसरे मोर्चे से हैं। पिछले जोनल चुनाव में 5 आप पार्षदों ने बगावत करते हुए भाजपा प्रत्याशी को वोट किया। भाजपा इस अहम जोन में कब्जा करने के बेहद करीब है। वॉकआउट से भी भाजपा की मदद होगी।'

इसी तरह 25 सदस्यीय मजबूत वेस्ट जोन में आप के 11 पार्षद हैं और भाजपा के 8 सदस्य हैं। तीसरे मोर्चे के चार पार्षद हैं जो निर्णायक भूमिका निभाएंगे। 23 सदस्यों वाले रोहिणी जोन में आप के पास 11 और भाजपा के पास 0, कांग्रेस और आईवीपी के पास एक-एक हैं।