कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए निकले सैकड़ों यात्री फंसे, पिथौरागढ़ में भूस्खलन के बाद रास्ता बंद
कैलाश मानसरोवर की यात्रा बेहद कठिन मानी जाती है। पांच साल बाद यह यात्रा फिर से शुरू होने वाली है। इससे पहले उत्तराखंड में भूस्खलन की वजह से सैकड़ों यात्री फंस गए हैं।

कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए निकले सैकड़ों यात्री उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में फंस गए हैं। जानकारी के मुताबिक अचानक भूस्खलन की वजह से रास्ता अवरुद्ध हो गया है। पांच साल बाद इस बार 30 जून से कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू हो रही है। यह यात्रा पिथौरागढ़ से ही शुरू होने वाली है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग में पहाड़ी दरकने की वजह से रास्ता ठप हो गया है। ऐलगाड़ और कुलगाड़ के बीच सोमवार देर रात बड़ी चट्टान टूटकर गिर गई थी। बीआरओ ने तत्काल प्रभाव से रास्ता ठीक करने का काम शुरू किया है। मंगलवार शाम तक आवाजाही फिर से शुरू हो सकती है।
बता दें कि इस बार कैलाश मानसरोवर की यात्रा 30 जून से 25 अगस्त तक चलेगी। इस बार उत्तराखंड और सिक्किम के रास्ते कम से कम 15 जत्थे यात्रा पर जाने वाले हैं। साल 2020 में कोविड और फिर गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद रोक दी गई थी। भारत और चीन में तनाव के चलते पांच साल यात्रा नहीं शुरू हो पाई।
ॉबता दें कि 2015 में नाथुला मार्ग वाला रास्ता खोल दिया गया था। इसके अलावा लिपुलेख से यात्रा हो सकती है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक में भी सीमा पार कर यात्रा शुरू होती है। उत्तराखंड और सिक्किम की सरकार के सहयोग से यह यात्रा होती है। नाथुला मार्ग को सबसे सुलभ और सुरक्षित माना जाता है। इस रास्ते में सड़कें सही हैं। वहीं वातावरण भी शांत रहता है।
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