पाक की साजिशों पर चोट, प्रतिनिधिमंडल के दौरे से पहले कूटनीतिक मोर्चे पर भारत का रुख क्या
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने विदेशों में अपनी बात रखने की ठानी है। विदेश सचिव ने तीन सांसद प्रतिनिधिमंडलों के दौरे से पहले अहम जानकारी दी।
पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी स्थिति साफ करने की तैयारी में है। मंगलवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सात में से तीन बहुदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडलों को विदेश दौरे से पहले जरूरी ब्रीफिंग दी। जिन प्रतिनिधिमंडलों को ब्रीफिंग दी गई, उनमें जेडीयू नेता संजय झा, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे और डीएमके की कनिमोझी के नेतृत्व वाले दल शामिल थे। इन प्रतिनिधिमंडलों को विदेशों में जाकर सांसदों, थिंक टैंकों, भारतीय समुदाय और सरकारी मंत्रियों से मुलाकात करनी है।
अभिषेक बनर्जी भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल
दिलचस्प बात यह रही कि तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी भी इस ब्रीफिंग में शामिल हुए। टीएमसी ने पहले सरकार के फैसले को एकतरफा बताते हुए नाराजगी जताई थी। विरोध के बाद अब अभिषेक बनर्जी को भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल कर लिया गया है। वह संजय झा के नेतृत्व में जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर की यात्रा पर जाएंगे।
ब्रीफिंग में पाकिस्तान को लेकर भारत की चिंता साफ झलकी। विदेश सचिव ने बताया कि कैसे पाकिस्तान पिछले 40 सालों से भारत में आतंक फैला रहा है। मुंबई हमलों से लेकर हालिया पहलगाम अटैक तक, हर वारदात में पाकिस्तानी हाथ सामने आया है, चाहे वो सीधे तौर पर हो या परोक्ष रूप से। भारत ने अतीत में डीएनए, कॉल डिटेल्स जैसी पुख्ता जानकारी भी पाकिस्तान को सौंपी लेकिन वहां की सरकार ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की।
भारत ने पाक को रुख का किया पर्दाफाश
विदेश सचिव ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि दुनिया पाकिस्तान की हकीकत को पहचाने, जहां सरकार और सेना की मिलीभगत से आतंक को संरक्षण दिया जा रहा है। गौरलतलब है कि सांसदों को यह भी बताया गया कि उन्हें विदेशों में भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से रखना है, खासकर मुस्लिम देशों में। एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त अरब अमीरात में ‘टॉलरेंस मिनिस्टर’ से भी मिलने वाला है। यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें भारत-पाक तनाव पर टिकी हैं, और भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान के झूठे प्रचार का जोरदार जवाब हर मंच पर दिया जाए।