'ऑपरेशन सिंदूर' वाली टीम के लिए मान गईं ममता बनर्जी, TMC से अभिषेक बनर्जी करेंगे विदेश दौरा
पाकिस्तान को बेनकाब करने और आतंकवाद के खिलाफ अभियान पर अपनी बात रखने के लिए विदेश जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी से अभिषेक बनर्जी शामिल हो सकते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर का सच दुनिया के सामने रखने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विदेश दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी से अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। सूत्रों का कहना है कि टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी अभिषेक बनर्जी को भेजने पर सहमत हो गई हैं। इससे पहले ममता बनर्जी ने इस प्रतिनिधिमंडल से दूरी बना ली थी। खबर यह भी थी कि उन्होंने यूसुफ पठान को भी जाने से रोक दिया था। मोदी सरकार की इस टीम में यूसुफ पठान का नाम शामिल किया गया था।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने खुद इस मामले में ममता बनर्जी से बात की थी। उन्होंने टीएमसी की तरफ से प्रतिनिधि को लेकर फैसला लेने की अपील की थी। ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से निपटने के भारत के रुख को सामने रखने के लिए गठित केंद्र के बहुदलीय राजनयिक मिशन का बहिष्कार नहीं कर रही हैं और केंद्र से औपचारिक अनुरोध प्राप्त होने पर अपने प्रतिनिधि भेजेंगी। टीएमसी ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रतिनिधिमंडलों में पार्टी के उम्मीदवार का फैसला केंद्र को नहीं करना चाहिए।ॉ
उन्होंने कहा, ‘अगर अनुरोध हमारे पास आता है, तो निश्चित रूप से हम इस पर विचार कर सकते हैं। हम हमेशा केंद्र सरकार की नीति (विदेश मामलों पर) का समर्थन करते हैं। अगर कुछ खास होगा, तो हम इस पर विचार करेंगे, लेकिन अभी नहीं। फिलहाल, हम केंद्र सरकार के विचारों और उनके द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन कर रहे हैं।’ बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को किसी पार्टी के प्रतिनिधियों को चुनने का कोई अधिकार नहीं है।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ देश की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के रुख को सभी के सामने रखने के लिए पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिजनों या ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व करने वाले सशस्त्र बलों के अधिकारियों को विदेश भेजना चाहिए। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव ने संवाददाताओं के सामने दोहराया कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय हित, सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने और संप्रभुता की रक्षा के मामलों में सरकार के साथ खड़ी है।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘हालांकि, जहां तक संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का सवाल है केंद्र एकतरफा फैसला नहीं कर सकता कि किस पार्टी से किसे चुना जाएगा। उन्हें नाम मांगने होंगे और सभी राजनीतिक दलों, खासकर विपक्षी खेमे के साथ व्यापक विचार-विमर्श की व्यवस्था करनी होगी।’ डायमंड हार्बर के सांसद ने कहा था कि अगर पार्टी से संपर्क किया जाता है, तो तृणमूल ‘‘निश्चित रूप से’’ अपने सदस्यों को प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में भेजेगी। बता दें कि केंद्र जो टीम बनाई है उसमें कांग्रेस से शशि थरूर, जेडीयू से संजय झा, बीजेपी से रविशंकर प्रसाद, डीएमके से कनिमोझी और एनसीपी-एसपी से सुप्रिया सुले का नाम शामिल है। (भाषा से इनपुट्स के साथ)