टैक्सी चालकों हत्या कर शव मगरमच्छों को खिलाने वाला सीरियल किलर गिरफ्तार
कोर्ट ने दोषी देवेंद्र शर्मा को 2002 और 2004 के बीच कई टैक्सी चालकों की हत्या में उम्र कैद की सजा सुनाई थी

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने टैक्सी चालकों की हत्या कर मगरमच्छों को खिलाने वाले सीरियल किलर आर्युवेदिक डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। आपराधिक दुनिया में उसे ‘डॉक्टर डेथ के नाम से जाना जाता है। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी देवेंद्र शर्मा पर हत्या के अलावा किडनी रैकेट में भी शामिल होने का आरोप है। उस पर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में दर्जनों टैक्सी चालकों की हत्या करने के साथ 1994 से 2004 के बीच अवैध रूप से 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण करवाने का भी आरोप है। देवेंद्र शर्मा पेरोल लेकर फरार होने के बाद राजस्थान के दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर रह रहा था।
पुलिस आरोपी से पूछताछ कर उसके नेटवर्क को खंगाल रही है। पुलिस के हत्थे चढ़ा 67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा मूल रूप से यूपी के अलीगढ़ का रहने वाला है। उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट समेत 27 मामले दर्ज हैं। उसे दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में सात अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। गुड़गांव की अदालत ने टैक्सी चालक की हत्या के मामले में उसे मौत की सजा भी सुनाई थी। आरोपी ने 50 से अधिक लोगों की हत्या की वारदात कबूल की है। अपराध काले के सार्वजनिक होने के बाद 2004 में उसकी पत्नी और बच्चों ने उसे छोड़ दिया था। वह वर्ष 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल मिलने के बाद फरार हो गया था, तभी से पुलिस तलाश कर रही थी। क्राइम ब्रांच ने अलीगढ़, आगरा, प्रयागराज, जयपुर और दिल्ली में उसके ठिकानों व नेटवर्क पर पैनी नजर रख रही थी। सूचना मिली थी कि देवेंद्र शर्मा राजस्थान के दौसा में स्थित एक आश्रम में पुजारी के रूप में छिपकर रह रहा है। ऐसे पकड़ा गया पुलिस टीम ने योजना के तहत राजस्थान के दौसा में स्थित आश्रम में अनुयायी होने का दिखावा कर आरोपी से मुलाकात की। यह सुनिश्चित करने के लिए उस पर निगरानी रखी कि वह डॉ. देवेंद्र शर्मा है या नहीं। पुष्टि होने के बाद टीम ने दबोचा लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपने आपराधिक अतीत को कबूल किया और स्वीकार किया कि वह कभी जेल वापस न लौटने के इरादे से पैरोल पर बाहर आया था। यूपी के अलीगढ़ निवासी आरोपी देवेंद्र शर्मा के पिता बिहार के सिवान में एक दवा कंपनी में काम करते थे। 1984 में शर्मा ने बिहार से बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) की डिग्री हासिल की। स्नातक होने के बाद राजस्थान के बांदीकुई में जनता क्लीनिक खोला था, जिसे 11 साल तक चलाया। 1995 से 2004 के बीच वारदातों को दिया अंजाम आरोपी देवेंद्र शर्मा ने 1995 से 2004 के बीच अवैध गैस एजेंसी, किडनी रैकेट और टैक्सी चालकों को अगवा कर उनकी हत्या की। आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर टैक्सी और ट्रक चालकों की हत्या कर शव यूपी के कासगंज में हजारा नहर में मगरमच्छों के हवाले कर देते था, ताकि कोई सबूत न मिले। आरोप है कि 1998 से 2004 के बीच देवेंद्र ने एक अन्य डॉक्टर अमित के साथ मिलकर अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट चलाया। उसने स्वीकार किया कि 125 से ज्यादा ट्रांसप्लांट में मध्यस्थ की भूमिका निभाई और हर केस में उसने पांच से सात लाख रुपये लिए।
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