CJI BR Gavai on Maharashtra protocol row trivial issue should not be blown out तुच्छ मुद्दे को आगे न बढ़ाएं, यहीं करें खत्म; सीजेआई गवई ने क्यों की ऐसी अपील, India News in Hindi - Hindustan
Hindi NewsIndia NewsCJI BR Gavai on Maharashtra protocol row trivial issue should not be blown out

तुच्छ मुद्दे को आगे न बढ़ाएं, यहीं करें खत्म; सीजेआई गवई ने क्यों की ऐसी अपील

जस्टिस गवई ने सीनियर अधिकारियों की अनुपस्थिति पर खुलकर अपनी निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, 'जब किसी संवैधानिक संस्था का प्रमुख पहली बार किसी राज्य का दौरा करता है, तो उनके स्वागत के तरीके पर विचार किया जाना चाहिए।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 20 May 2025 05:51 PM
share Share
Follow Us on
तुच्छ मुद्दे को आगे न बढ़ाएं, यहीं करें खत्म; सीजेआई गवई ने क्यों की ऐसी अपील

देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने प्रोटोकॉल वाले मामले को आगे न बढ़ाने की अपील की है। महाराष्ट्र प्रोटोकॉल विवाद पर गवई ने कहा, 'एक तुच्छ मुद्दे को अधिक नहीं बढ़ाना चाहिए। इसे लेकर खेद व्यक्त कर दिया गया। यह मामला अब बंद है। सभी से इस मुद्दे को शांत करने का आग्रह है।' सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी प्रेस नोट में जोर देकर कहा गया कि इस तरह के छोटे मामलों पर अनावश्यक विवाद से बचना चाहिए। दरअसल, महाराष्ट्र के मूल निवासी न्यायमूर्ति गवई रविवार को सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुंबई आए थे। कार्यक्रम में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस आयुक्त सहित राज्य के प्रमुख अधिकारी अनुपस्थित रहे थे, जिसकी काफी आलोचना हुई।

ये भी पढ़ें:रोहिंग्या हड़प रहे स्थानीय युवाओं के रोजगार, बढ़ रही बेरोजगारी;डिप्टी CM का दावा
ये भी पढ़ें:रक्षा कानूनों में बदलाव हो, NITI आयोग ने नई रिपोर्ट में किन बातों को दी अहमियत

प्रोटोकॉल फॉलो न होने के मुद्दे की मीडिया पर जोरशोर से चर्चा होने लगी थी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी चीफ जस्टिस गवई के विचारों को दोहराते हुए कहा कि प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरों के बगल में उपराष्ट्रपति की तस्वीर नहीं होने को लेकर दुख जताया था। धनखड़ ने सोमवार को कहा कि वह भी एक तरह से प्रोटोकॉल के पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, ‘आपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीर देखी होगी, लेकिन उपराष्ट्रपति की नहीं। अपना कार्यकाल समाप्त होने पर मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मेरे उत्तराधिकारी की तस्वीर जरूर हो।’

प्रोटोकॉल को लेकर क्या थी सीजेआई की नाराजगी

सीजेआई गवई ने सीनियर अधिकारियों की अनुपस्थिति पर खुलकर अपनी निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, 'जब किसी संवैधानिक संस्था का प्रमुख पहली बार किसी राज्य का दौरा करता है, तो उनके स्वागत के तरीके पर विचार किया जाना चाहिए। ये मामूली बातें लग सकती हैं, लेकिन इनका महत्व कम नहीं किया जा सकता।' न्यायमूर्ति गवई ने लोकतंत्र के स्तंभों के बीच परस्पर सम्मान के सिद्धांत का जिक्र करते हुए कहा, 'न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका संविधान के समान अंग हैं। यह जरूरी है कि प्रत्येक एक-दूसरे के प्रति उचित सम्मान दिखाए।'

सीजेआई गवई ने अनुपस्थित अधिकारियों का जिक्र करते हुए कहा था, 'प्रोटोकॉल के बारे में कुछ भी नया नहीं है। यह संवैधानिक प्रक्रिया से दूसरे के प्रति सम्मान दिखाने के बारे में है।' उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि अगर हम में से कोई भी इस पद पर होता, तो अनुच्छेद 142 के बारे में बहस हो सकती थी।' उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की किसी भी मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने की शक्ति का हवाला दिया। मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, डीजीपी और मुंबई पुलिस आयुक्त बाद में चैत्यभूमि की यात्रा के दौरान जस्टिस गवई से मिलने गए थे।
(एजेंसी इनपुट के सा)