चंदगीराम टी प्वॉइंट पर फ्लाईओवर को मंजूरी, 2 लाख को फायदा; इन इलाकों में आना-जान होगा आसान
दिल्ली सरकार ने रिंग रोड पर सिविल लाइंस के पास पड़ने वाले चंदगीराम अखाड़े टी-प्वॉइंट पर फ्लाईओवर बनाने को मंजूरी दे दी है। फ्लाईओवर बनने के बाद लाल बत्ती खत्म होने के साथ सलीमगढ़ बाईपास से वाया मजनू का टीला व सिग्नेचर ब्रिज तक का सफर सिग्नल फ्री हो जाएगा।

दिल्ली सरकार ने रिंग रोड पर सिविल लाइंस के पास पड़ने वाले चंदगीराम अखाड़े टी-प्वॉइंट (मेटकॉफ टी-जंक्शन) पर फ्लाईओवर बनाने को मंजूरी दे दी है। फ्लाईओवर बनने के बाद लाल बत्ती खत्म होने के साथ सलीमगढ़ बाईपास (शांतिवन) से वाया मजनू का टीला व सिग्नेचर ब्रिज तक का सफर सिग्नल फ्री हो जाएगा। फ्लाईओवर का फायदा यहां से रोजाना गुजरने वाले करीब दो लाख से अधिक वाहन चालकों को होगा। इससे सिविल लाइंस, उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, बुराड़ी से नई दिल्ली के बीच रोजाना आवाजाही करने वालों का वक्त भी बचेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, यह फ्लाईओवर 680 मीटर लंबा होगा। यह सिविल लाइंस स्थिट ट्रामा सेंटर से आगे डीआरडीओ के बीच बनेगा। इसे बनाने के लिए 183 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस दौरान यहां सड़क का चौड़ीकरण भी होगा। इसके अलावा यू-टर्न भी बनाया जाएगा, जिससे लोगों को परेशानी न हो। यहां फुटपाथ और सड़क पार करने के लिए अलग से कॉरिडोर भी बनाने की योजना है।
वर्तमान में इस चंदगीराम अखाड़े पर लाल बत्ती की वजह से पीक आवर्स में लंबा जाम लगता है। पीक आवर्स में अगर आप आईएसबीटी कश्मीरी गेट से मजनू की टीला की तरफ जा रहे है, तो कई बार जाम की वजह से लाल बत्ती को पार करने में 20 मिनट से भी अधिक समय लग जाता है। इसी रास्ते से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ की बसें भी आवाजाही करती हैं। इसके चलते लाल बत्ती पर वाहनों की लंबी कतारें लगती है।
इन इलाकों को लाभ होगा
मेटकॉफ हाउस टी-जंक्शन पर लाल बत्ती खत्म होगी। इसके चलते सिविल लाइंस में रहने वाले लोग, पुरानी दिल्ली सचिवालय, विधानसभा के लिए आना-जाना आसान होगा। आईएसबीटी से बुराड़ी और उत्तर-पूर्वी की आवाजाही सुगम होगी। सलीमगढ़ बाईपास से मजनू का टीला के रास्ते में जाम नहीं लगेगा।
लोगों को जाम मुक्त सफर देना मकसद: प्रवेश वर्मा
पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने फ्लाईओवर की मंजूरी पर कहा कि राजधानी में आधुनिक, कुशल और यात्री-अनुकूल सड़क नेटवर्क के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे’ और ‘जन-जीवन को सरल बनाने’ के विजन के अनुरूप यह परियोजना उत्तर दिल्ली के सबसे व्यस्त जंक्शनों में से एक को डी-कंजेस्ट करेगी। इस फ्लाओवर के लिए 183 करोड़ रुपये की मंजूरी देने का उदेश्य यात्रा का समय कम करना, प्रमुख सड़कों पर दबाव घटाना और पूरे दिल्ली में जाममुक्त सफर का अनुभव कराना है।