दिल्ली में सियासी जमीन तलाशने की कवायद,कांग्रेस की बैठक में क्या बनी आगे की रणनीति?
- दिल्ली के प्रदेश कार्यालय में कार्यकारिणी,लोकसभा और जिला पर्यवेक्षकों की अलग-अलग बैठकें हुईं। यह बैठक कांग्रेस के फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘संगठन सृजन अभियान’ के अंतर्गत हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने की।

साल के शुरुआत में यानी 8 फरवरी को हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर कांग्रेस को सिवाय निराश होने के और कुछ नहीं दिया। 2020 की तरह इस बार भी उसका कोई विधायक एक सीट तक नहीं जीत सका। दिल्ली में शून्य हो चुकी पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कांग्रेस ने कोशिशें शुरू कर दी हैं। आज इसी कड़ी में दिल्ली के प्रदेश कार्यालय में कार्यकारिणी, लोकसभा और जिला पर्यवेक्षकों की अलग-अलग बैठकें हुईं। यह बैठक कांग्रेस के फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘संगठन सृजन अभियान’ के अंतर्गत हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने की।
बैठक में पार्टी संगठन को जिला,प्रखंड और बूथ स्तर तक मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। बैठक में संगठन सृजन अभियान के तहत अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा दिए गए 40 दिन के कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई,जिसके तहत संविधान बचाओ अभियान के अंतर्गत 25 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय तक संविधान बचाओ रैली निकालने का निर्णय लिया गया।
बैठक में देवेंद्र यादव के साथ दिल्ली कांग्रेस प्रभारी काजी निजामुद्दीन,सह-प्रभारी दानिश अबरार,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा,पूर्व सांसद कृष्णा तीरथ तथा संदीप दीक्षित,पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ,डॉ. नरेन्द्र नाथ,मंगतराम सिंघल,मनीष चतरथ,कम्युनिकेशन विभाग के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज,कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मनोज यादव और सुशांत मिश्रा मौजूद थे। बैठकों प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यगण सहित लोकसभा तथा जिला पर्यवेक्षक,जिला अध्यक्ष मौजूद रहें।
इस दौरान यादव ने संगठन सृजन अभियान के तहत संगठन मजबूती के लिए लोकसभा और जिला पर्यवेक्षकों को प्रथम चरण टास्क की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि लोकसभा पर्यवेक्षक प्रत्येक विधानसभा के तहत आने वाले सभी नेताओं,पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मिलकर जिला तथा प्रखंड के कार्य की समीक्षा करके क्षेत्र में पार्टी की राजनीतिक स्थिति का आंकलन करेंगे। इस दौरान यदि वह जिला और प्रखंड स्तर पर बदलाव की जरूरत महसूस करेंगे,तो स्पष्टीकरण के साथ अपनी कार्यवाही की रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय में जमा कराएंगे।
इस दौरान उन्होंने पर्यवेक्षकों को संगठन को बूथ स्तर तक की समिति बनाने और सुचारू रूप से पार्टी के कार्यक्रमों को लागू कराने की जिम्मेदारी सौंपी। जिला तथा प्रखंड स्तर पर होने वाली गतिविधियों जैसे कि घर-घर प्रचार,धरना,प्रदर्शन या अन्य सामाजिक व क्षेत्रीय ज्वलंत मुद्दों पर भी बैठकों में चर्चा करके महीने भर की गतिविधियां का मासिक कार्यक्रम तैयार करेगें। प्रत्येक पर्यवेक्षक को अपने प्रभार वाले जिलों तथा सभी प्रखंडों में दो उपाध्यक्ष,एक कार्यालय सचिव तथा एक सोशल मीडिया साथी के नाम 27 अप्रैल, तक प्रदेश कार्यालय में जमा करवाने को कहा गया है।