दिल्लीवालों को अब नहीं देना होगा यूजर चार्ज,हाउस टैक्स के बकाए के लिए भी आई नई स्कीम
राजा इकबाल सिंह ने कहा,दिल्ली नगर निगम (MCD) में पिछली आप सरकार ने बिना किसी चर्चा के उपयोगकर्ता शुल्क लगाया था। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि लोगों पर कोई उपयोगकर्ता शुल्क नहीं लगाया जाए। हम बुधवार को एमसीडी सदन की बैठक में इस पर एक निजी प्रस्ताव लाएंगे।

दिल्ली में अब कचरा इकट्ठा करने पर यूजर चार्ज नहीं लगेगा। बीजेपी ने इस शुल्क को वापस लेने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने पुराने बकाए हाउस टैक्स के के निपटान के लिए माफी योजना(Amnesty Yojna) लाने की भी घोषणा की है। इन फैसलों की घोषणा दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और शहर के मेयर राजा इकबाल सिंह ने की है।
राजा इकबाल सिंह ने कहा,"दिल्ली नगर निगम (MCD) में पिछली आप सरकार ने बिना किसी चर्चा के उपयोगकर्ता शुल्क लगाया था। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि लोगों पर कोई उपयोगकर्ता शुल्क नहीं लगाया जाए। हम बुधवार को एमसीडी सदन की बैठक में इस पर एक निजी प्रस्ताव लाएंगे।" मेयर ने यह भी कहा कि भाजपा एक माफी योजना (Amnesty Scheme) लाएगी जिसके तहत पांच साल के लंबित बकाया जमा करने पर गृह कर के पिछले बकाए का निपटारा किया जाएगा।
इकबाल सिंह ने बताया कि कोई जुर्माना या विलंब शुल्क (Penalty or Late Payment Surcharge) नहीं लगाया जाएगा और लोगों को एमसीडी द्वारा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्रदान किया जाएगा,जिसमें गृह कर बकाया के निपटान को दर्शाया जाएगा। यह बताते हुए कि भाजपा ने प्रमुख रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (RWAs) के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की, सचदेवा ने कहा कि कचरा संग्रह पर उपयोगकर्ता शुल्क आप द्वारा मनमाने ढंग से लगाया गया था।
सोमवार को,आप (AAP) पार्षदों ने दिल्ली के मेयर कार्यालय के बाहर धरना दिया था। वे इस बात का विरोध कर रहे थे कि उपयोगकर्ता शुल्क को वापस लेने का प्रस्ताव सदन के एजेंडे से हटा दिया गया था। भाजपा ने 25 अप्रैल को एमसीडी चुनावों में मेयर और डिप्टी मेयर का पद जीता था और कचरा संग्रह पर उपयोगकर्ता शुल्क को वापस लेने का वादा किया था।
7 अप्रैल को एमसीडी,जिस पर तब आम आदमी पार्टी का शासन था,ने कहा था कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (SWM) उपनियमों के अनुसार,कचरा संग्रह,परिवहन और निपटान सेवाओं के लिए "उपयोगकर्ता शुल्क" लिया जाना चाहिए। एमसीडी ने कहा था,"SWM मानदंडों में बताए गए उपयोगकर्ता शुल्क को उपनियमों में निर्दिष्ट श्रेणियों के आधार पर लागू किया जा रहा है, और इसके प्रवर्तन की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है।"