दिल्ली में अब प्रदूषण की खैर नहीं, निपटने के लिए रेखा गुप्ता सरकार ने बनाया खास प्लान; खरीदेगी ये मशीनें
इन सभी मशीनों के दिल्ली की सड़कों पर जल्द ही पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण विभाग मशीनों की तैनाती के लिए 'प्रदूषण नियंत्रण और आपातकालीन उपाय' योजना के तहत PWD को आवश्यक बजट प्रदान करेगा।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के लिए एक व्यापक स्वच्छता और धूल नियंत्रण योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत, कैबिनेट ने दिल्ली की सड़कों पर प्रदूषण को कम करने के लिए उन्नत सफाई मशीनों की खरीद को मंजूरी दे दी। इस दौरान कैबिनेट ने शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 250 एंटी-स्मॉग गन युक्त वाटर स्प्रिंकलर और 70 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों की खरीद को मंजूरी दी है।
इस बारे में जारी एक बयान में सीएम गुप्ता ने कहा कि इस पहल के तहत शहर की सड़कों पर हो रहे धूल प्रदूषण से निपटने के लिए PWD की बनाई सड़कों पर कई तरह के उपकरण तैनात किए जाएंगे। इनमें एंटी-स्मॉग गन के साथ एकीकृत 250 वाटर स्प्रिंकलर मशीनें और 210 वाटर स्प्रिंकलर मशीनों और एंटी-स्मॉग गन, 18 डंप वाहन और 18 पानी के टैंकरों के साथ एकीकृत 70 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सर्दियों की शुरुआत से पहले इन सभी मशीनों के दिल्ली की सड़कों पर पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण विभाग मशीनों की तैनाती के लिए 'प्रदूषण नियंत्रण और आपातकालीन उपाय' योजना के तहत PWD को आवश्यक बजट प्रदान करेगा। इन मशीनों का उपयोग विशेष रूप से सड़कों की धूल की सफाई के लिए किया जाएगा और समग्र वायु गुणवत्ता में सुधार के लक्ष्य के साथ आवश्यकतानुसार दिल्ली भर में तैनात किया जा सकता है।
इसके साथ ही कैबिनेट में हुए अन्य फैसलों की जानकारी देते हुए सीएम गुप्ता ने बताया कि कैबिनेट ने शिक्षा निदेशालय के इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है कि अब 'मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना' योजना का नाम 'मेधावी छात्रों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति' के स्थान पर 'लाल बहादुर शास्त्री छात्रवृत्ति योजना' रखा जाए।
गुप्ता ने कहा कि मंत्रिमंडल ने शिक्षा निदेशालय के इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है कि इस योजना का नाम 'मेधावी छात्रों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति' के स्थान पर 'मेधावी छात्रों के लिए लाल बहादुर शास्त्री छात्रवृत्ति' रखा जाए। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा सातवीं से बारहवीं तक के छात्र जिन्होंने पिछले शैक्षणिक वर्ष में 80 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें प्रति वर्ष 2,500 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है।
उन्होंने बताया कि 2019-20 में पिछली सरकार ने 'मेधावी छात्रों के लिए लाल बहादुर शास्त्री छात्रवृत्ति (एलबीएस)' योजना को बंद कर दिया था और इसे नए नाम- मेधावी छात्रों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति के तहत पुनर्गठित किया था। मौजूदा सरकार ने मौजूदा पात्रता मानदंडों को बरकरार रखते हुए अब इस योजना का मूल नाम 'मेधावी छात्रों के लिए लाल बहादुर शास्त्री छात्रवृत्ति (एलबीएस)' बहाल कर दिया है।