द्वारका में स्कूल ने 30 छात्रों को किया निष्कासित, प्रदर्शन करने गेट पर पहुंचे परिजन; लगाया बड़ा आरोप
दिल्ली के द्वारका स्थित एक स्कूल ने 30 छात्रों को निष्कासित कर दिया। इस मामले में परिजनों आरोप लगाया है कि वो स्कूल द्वारा बढ़ाई अवैध फीस को जमा करने से मना कर दिए थे, इसलिए उनके बच्चों को स्कूल से निकाला गया है।

मंगलवार को दिल्ली के द्वारका में कुछ छात्रों को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया। इस मामले को लेकर छात्रों के परिजनों ने स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा अवैध घोषित की गई फीस वृद्धि को जमा करने से मना कर दिया, इस वजह से उनके बच्चों को स्कूल से बाहर निकाला गया है। इस मामले को लेकर कई छात्रों के परिजन स्कूल के गेट के सामने विरोध प्रदर्शन करने पहुंच गए।
मंगलवार को स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के परिजनों ने कहा कि 9 मई को उन्हें स्कूल की तरफ से एक मेल प्राप्त हुआ। उस मेल के माध्यम से बताया गया कि दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 1973 के नियम 35 के तहत उनके बच्चों के नाम हटा दिए गए हैं। परिजनों ने कहा कि उनके बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा अवैध घोषित की गई फीस वृद्धि को जमा करने से इनकार कर दिया था। परिजनों ने बताया कि स्कूलों को दिल्ली हाई कोर्ट ने फीस वृद्धि के लिए किए गए व्यवहार पर फटकार लगाई थी। अब कोर्ट ने शिक्षा विभाग को ऐसे स्कूलों की नियमति जांच का आदेश दिया है।
इस मामले को लेकर डीएम द्वारा दी गई रिपोर्ट पर दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार करने वाले स्कूल बंद कर देने लायक हैं। इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि फीस ना जमा कर पाने की स्थिति में छात्रों के साथ इस तरह का अमनवीय व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए और उनको क्लास में जाने से भी नहीं रोका जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि छात्रों को स्कूल की सभी सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए कोर्ट ने शिक्षा विभाग को इस मामले पर नियमित रूप से जांच करते रहने का भी आदेश दिया है।