Faridabad Municipality Plans to Double Vehicles for Stray Animal Rescue लावारिस पशुओं को सड़कों से पकड़ने की रफ्तार बढ़ाएगा निगम, Faridabad Hindi News - Hindustan
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लावारिस पशुओं को सड़कों से पकड़ने की रफ्तार बढ़ाएगा निगम

फरीदाबाद नगर निगम लावारिस पशुओं को सड़कों से उठाने के लिए अपनी योजना में तेजी लाने जा रहा है। वाहन की संख्या दोगुनी करने की तैयारी की जा रही है। वर्तमान में चार वाहन हैं और दो नए वाहन तीन साल के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादTue, 15 April 2025 11:16 PM
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लावारिस पशुओं को सड़कों से पकड़ने की रफ्तार बढ़ाएगा निगम

फरीदाबाद। नगर निगम प्रशासन लावारिस पशुओं को सड़कों से उठाने के लिए बड़ी तैयारी में है। इसके लिए पशु उठाने वाले वाहनों की संख्या को लगभग दोगुना करने की तैयारी में है। निगम के बेड़े में वाहन बढ़ते ही लावारिस पशुओं को उठाने में तेजी आएगी। शहर में दिल्ली-आगरा हाईवे, डीएनडी-केएमपी एक्स्प्रेसवे से लेकर पूरे शहर में लावारिस पशु टहलते नजर आते हैं। शहर के बाजार भी लावारिस पशुओं से अछूते नहीं हैं। इससे वाहन चालकों के साथ आए दिन हादसे होते रहते हैं। वहीं कई बार लावारिस गौवंश पैदल राहगीरों पर भी हमला कर देते हैं। लावारिस पशु शहर के लोगों का सिरदर्द बने हुए हैं। इसे देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने लावारिस पशुओं को हटाने के लिए वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। मौजूदा समय में नगर निगम के पास पशुओं को पकड़ने के लिए चार वाहन हैं। अब दो वाहन तीन साल के लिए किराए पर लेने जा रहा है। इस कार्ययोजना के लिए एक करोड़ 20 लाख 96 हजार रुपये का बजट मंजूर किया है। इस कार्य के लिए टेंडर भी लगा दिया गया है। इस माह के अंत तक विभाग को नए वाहन मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा विभाग सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रस्पिॉन्सिबिलिटी) के जरिए भी निजी कंपनियों से पशु पकड़ने वाले वाहन लेने जा रहा है। अगले माह तक विभागीय अधिकारियों को पशु पकड़ने वाले वाहनों की संख्या दोगुना होने की उम्मीद है। सड़कों पर लावारिस पशुओं के घूमने की प्रमुख वजह शहर में गौशालाओं की संख्या का कम होना है। एक अनुमान के मुताबिक, शहर में 10 हजार लावारिस पशु सड़कों पर टहल रहे हैं। जबकि निगम प्रशासन के पास तीन गोशालाएं हैं। इनमें गोपाल गौशाला, मवई, और ऊंचा गांव में चल रहीं गोशालाएं शामिल हैं। इन गौशालाओं में शामिल गोपाल गौशाला को हर महीने चार लाख रुपये, मवई गौशाला को 10 लाख रुपये और ऊंचा गांव गौशाला को तीन लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं, भूपानी गांव में एक नई गौशाला का निर्माण कार्य चल रहा है। नगर निगम के कार्यकारी अभियंता ओमदत्त ने बताया कि वाहनों की संख्या बढ़ने से लावारिस पशुओं के पकड़ने में तेजी आएगी। किराए पर वाहन लेने के साथ-साथ सीएसआर फंड के जरिए भी वाहन लिए जाएंगे। इससे पशुओं को सड़कों से हटाकर गौशाला भेजने में तेजी आएगी।

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