Faridabad s AMRUT Scheme Faces Delays in Sewer and Water Supply Projects सीवर लाइन के अधूरे काम से जलभराव की आशंका, Faridabad Hindi News - Hindustan
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सीवर लाइन के अधूरे काम से जलभराव की आशंका

फरीदाबाद में अमृत योजना के तहत सीवर और पेयजल आपूर्ति कार्य लंबित हैं। बड़खल गांव में जलभराव की समस्या बढ़ सकती है। नगर निगम ने अधूरे काम को पूरा करने के लिए तीन माह का समय निर्धारित किया है, लेकिन...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादSat, 24 May 2025 10:56 PM
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सीवर लाइन के अधूरे काम से जलभराव की आशंका

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। अमृत योजना के तहत सीवर और पेयजल आपूर्ति के कार्य लंबित है। सीवर लाइन का काम अधूरा होने के कारण बरसात के मौसम में बड़खल गांव में जलभराव की समस्या गहरा सकती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेश पर अधूरे काम छोड़कर जाने वाली कंपनियों पर शिकंजा नहीं कसा गया है। नगर निगम प्रशासन ने बड़खल गांव की सीवर लाइन के काम को पूरा करने के लिए इस साल 31 जनवरी तक का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन अभी तक यह कार्य पूरा नहीं हो पाया है। यदि इस कार्य में तेजी नहीं आई तो इससे बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या गहरा सकती है।

नगर निगम प्रशासन ने अमृत योजना के तहत बड़खल गांव में सीवर लाइन डालने का काम शुरू किया था। करीब दो साल पहले यहा कार्य पूरा भी हो गया था। लेकिन, इस सीवर लाइन को एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) से नहीं जोड़ा जा सका था। इस वजह से गांव का पानी नालियों में खड़ा रहता था। पानी निकासी न होने के कारण गली में जमा हो जाता है। यहां अक्सर कब्रिस्तान वाली गली में पानी खड़ा रहता है। यहां के लोग पानी निकासी की मांग करते रहते हैं। लेकिन, पानी निकासी का स्थाई समाधान नहीं हो पाता है। इस लाइन को नहरपार के बादशाहपुर एसटीपी से जोड़ा जाएगा। एसटीपी से लाइन जोड़ने के बाद ही यह लाइन चालू हो सकेगी। अमृत योजना की कंपनियों द्वारा काम अधूरा छोड़े जाने के कारण यह समस्या पैदा हुई है। अमृत योजना के तहत बनाई जा रही इस सीवर लाइन को बड़खल रेलवे पुल और हाईवे के नीचे से ले जाकर सेक्टर-28 तक जोड़ने के लिए एनओसी न मिलने के कारण दो वर्ष से यह लाइन बादशाहपुर एसटीपी की लाइन से नहीं जोड़ी जा सकी थी। पल्ला में पेयजल लाइन का काम पूरा नहीं हुआ अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के तहत शहर के पल्ला, सूर्य विहार, दीपावली एन्क्लेव, शिव कॉलोनी, एसजीएम नगर, मेवला महाराजपुर, लकड़पुर शिव दुर्गा कॉलोनी, राजीव नगर आदि में पानी सप्लाई के लिए वर्ष 2018 में पानी की पाइप लाइन डालने का काम शुरू हुआ था। इस परियोजना पर करीब 90 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। इस परियोजना के तहत करीब 147 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन डालने का काम होना था। इसमें से 15 किलोमीटर का काम बचा हुआ है। वहीं बूस्टिंग टैंक और पंप हाउस बनाने का काम भी पूरा नहीं हुआ है। हालांकि, विभाग द्वारा मेवला महाराजपुर, शिव दुर्गा विहार, राजीव नगर आदि इलाकों में काम पूरा करवाया जा चुका है। यहां पर पानी की आपूर्ति शुरू भी हो चुकी है। लेकिन, पल्ला-सेहतपुर इलाके में अभी पेयजल आपूर्ति के लिए करीब 15 किलोमीटर लंबी लाइन का काम अटका हुआ है। इस वजह से यहां पर घर-घर पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। विभाग ने अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए कई बार टेंडर लगाया है, लेकिन कोई नई कंपनी काम करने के लिए आगे नहीं आ सकी है। 20 ट्यूबवेल भी लगाए जाएंगे इस परियोजना के तहत पहले रेनीवेल लाइन से पानी की सप्लाई शुरू होनी थी। लेकिन, रेनीवेल से बाकी इलाकों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस वजह से इस परियोजना के लिए 45 ट्यूबवेल लगाने की योजना बनाई गई थी। इसमें से 25 ट्यूबवेल लगाने का काम पूरा हो चुका है। जबकि 20 ट्यूबवेल लगाने का काम अभी बाकी है। 20 ट्यूबवेल लगाने के अलावा यहां अधूरे पड़े पंप हाउस और बूस्टर टैंक के काम को पूरा कर ट्यबवेलों के पानी को यहां डाला जाएगा। इसके बाद यहां से घर-घर पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। अधूरे कार्य तीन माह में पूरे करवाए जाएंगे नगर निगम के मुख्य अभियंता विवेक गिल ने बताया कि अमृत योजना के लंबित कार्य तीन माह में पूरे करवाए जाएंगे। इसके लिए लंबित कार्यों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। लंबित कार्यों के लिए शुक्रवार से सर्वे शुरू हो गया है। इसके लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने एक मुख्य अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी है। अमृत योजना के तहत अधूरे पड़े सभी कार्यों को तीन माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। निगम प्रशासन इस परियोजना के कार्यों को पूरा करवाने के लिए गंभीर है। बड़खल गांव की अनदेखी बड़खल झील के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा होने वाला है। सरकार इसे बड़ा पर्यटन केंद्र बनाना चाहती है। एक अरब से ज्यादा इस परियोजना पर खर्च रहे हैं, लेकिन झील के बराबर में बड़खल गांव को विकास से वंचित रखा जा रहा है। यहां टेंडर के बावजूद गांव की गलियों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। इससे गांव के लोग परेशान हैं। गलियों का निर्माण न होने से बरसात के मौसम में लोगों को आवाजाही करने में आफत झेलनी पड़ सकती है।

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