स्टांप चोरी के दो करोड़ रुपये वसूलने के आदेश
गाजियाबाद में जिलाधिकारी न्यायालय ने एक कंपनी से स्टांप ड्यूटी चोरी के लिए दो करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया। कंपनी ने एक भूखंड का किरायानामा केवल सौ रुपये के स्टांप पर लिखवाया था। जांच में मामला सही...

गाजियाबाद। जिलाधिकारी न्यायालय ने एक कंपनी से स्टांप चोरी के दो करोड़ रुपये वसूलने के आदेश दिए हैं। कंपनी ने स्टांप ड्यूटी देने से बचने के लिए भूखंड का किरायानामा सौ रुपये के स्टांप पर लिखवा लिया। निबंधन विभाग को बीते दिनों शिकायत मिली थी की साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में एक बिल्डर ने करीब 19 हजार वर्गमीटर का भूखंड 40 लाख रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 94 महीनों के लिए किराए पर दिया है। तीन साल बाद किराए में 15 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रावधान रखा गया। शिकायत थी कि किरायानामा मात्र रुपये रुपये के स्टांप पर लिखवाया गया है। ऐसा स्टांप शुल्क देने से बचने के लिए किया गया।
विभागीय जांच में मामला सही पाया गया। इसमें नोएडा की मैसर्स प्रोलिफिक रियल एस्टेट ने साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित प्लाट संख्या-24 को मैसर्स एमएफसी सोवल्यूशन इंडिया प्रा.लि. कंपनी को किराए पर दिया। संपत्ति स्वामी ने सिक्योरिटी के नाम पर एक करोड़ 60 लाख रुपये भी लिए। नियमानमुसार किराएनामे का पंजीकरण कराकर करीब 1,89,01,540 रुपये का स्टांप शुल्क देना था। मामले की सुनवाई जिलाधिकारी दीपक मीणा की अदालत में चली। इस दौरान भूखंड लेने वाली कंपनी को नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन स्पष्ट जबाब दाखिल नहीं किया गया। इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाते हुए मैसर्स एमएफसी सोवल्यूशन इंडिया प्रा.लि. कंपनी पर 1,89,01,540 रुपये के स्टांप रुपये की कमी और 19 लाख रुपये का अर्थदंड लगाते हुए कुल 2,08,01,540 रुपये वसूलने के आदेश जारी किए।
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