आरोप: नियमों को अनदेखा कर चहेते को अलॉट किया टेंडर
गुरुग्राम नगर निगम में कार्यकारी अभियंता पर आरोप है कि उन्होंने चहेते ठेकेदार को टेंडर जारी किया। ठेकेदार ने पांच लाख रुपये के आइटम का एक रुपये का रेट दिया। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री और अन्य...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। नगर निगम गुरुग्राम में नियमों को अनदेखा करके कार्यकारी अभियंता ने चहेते ठेकेदार को टेंडर जारी करने का आरोप है। टेंडर में ठेकेदार ने पांच लाख रुपये के आइटम का एक रुपये का रेट देकर टेंडर अपने नाम से खुलावा लिया। वहीं कार्यकारी अभियंता ने कहा कि ठेकेदार खुद टेंडर लेने के लिए उन पर दबाव बना रहा था, लेकिन नियमों के अनुसार जिस एजेंसी के रेट कम थे उसी एजेंसी को टेंडर जारी किया गया है। नगर निगम के ठेकेदार मनीष भारद्वाज ने मुख्यमंत्री, निकाय मंत्री, एसपी एसीबी समेत कई जगहों पर इसकी शिकायत भेजी है। मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत में खुलासा हुआ है कि निगम अधिकारियों ने नियमों को अनदेखा करके एजेंसी को टेंडर दिया गया है।
जबकि जिस एजेंसी को निगम ने टेंडर दिया है उसके पास टेंडर में आवेदन करने के लिए पूरे कागजात ही नहीं है। नगर निगम का विकास कार्य के लिए डेढ करोड़ रुपये का एस्टीमेट था, जिसे मिलीभगत करके एक करोड़ दस लाख रुपये में ही एजेंसी को जारी कर दिया। निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने मामले की जांच करवाने की बात कही है और कहा कि जो दोषी अधिकारी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह है पूरा मामला नगर निगम गुरुग्राम की इंजीनियरिंग विंग ने जनवरी 2025 में सुशांत लोक-1, बी ब्लॉक में एक अतिरिक्त बूस्टिंग स्टेशन के निर्माण और मौजूदा बुनियादी ढांचे से एक राइजिंग मेन लाइन बिछाने से संबंधित टेंडर लगाया था। टेंडर में आवेदन करने की एस्टीमेट मूल्य एक करोड़ 5 लाख रुपये निर्धारित किया गया था। इसमें तीन एजेंसियों ने आवेदन किया था। जिसमें एक नरेंद्र सिंह, दूसरा जय श्री श्याम इंटरप्राइजेज और तीसरा एमएस बी एंड पी इंफ्राटेक नाम की एजेंसी शामिल थी। आरोप है कि निगम ने अपनी चहेती एजेंसी एमएस बी एंड पी इंफ्राटेक के कागजों की जांच किए बिना ही उसके नाम से टेंडर खोल दिया। एजेंसी ने एस्टीमेट मूल्य से 20 फीसदी कम मूल्य में आवेदन किया था। आरोप है कि उसके पास हरियाणा सरकार द्वारा जारी कॉमन बिड डॉक्यूमेंट (सीबीडी) में निर्धारित समान कार्य अनुभव नहीं है। अधिकारियों ने मूल्यांकन प्रक्रिया में इस महत्वपूर्ण मानदंड की अनदेखी की गई है। पांच लाख रुपये के आइटम का दे दिया एक रुपया काम का नाम एस्टीमेट रेट एजेंसी ने दिए रेट गैसियन क्लोरिकरन प्रणाली 536900 एक रुपया गैज मीटर 6000 एक रुपया लैडर सिढी 9422 एक रुपया दबाव मीटर 18800 एक रुपया बिजली से कनेक्शन 12 हजार प्रत्येक आइटम एक रुपया मोटर पंप 288400 एक रुपया स्ट्रीट लाइट 1741 एक रुपया केबल 730 मीटर एक हजार रुपये मीटर फ्लोमीटर 122720 एक रुपया कार्यालय बंद होने के बाद जारी किया टेंडर निगम अधिकारियों को टेंडर जारी करने की इतनी जल्द थी कि निगम के कार्यकारी अभियंता ने शाम पांच बजे के बाद कार्यालय बंद होने के बाद शाम छह बजे के बाद कार्यालय में बैठकर इस टेंडर को खोला। जबकि शिकायतकर्ता ने दोपहर में कार्यकारी अभियंता और निगम आयुक्त को लिखित में शिकायत दी थी, लेकिन इसके बाद भी कार्यकारी अभियंता ने नियमों का अनदेखा करके शाम साढे छह बजे दस मिनट के अंदर टेंडर को खोला और इसी दस मिनट के अंदर एजेंसी को अलॉटमेंट लेटर जारी कर दिया। जबकि नियमों के अनुसार ऐसा कभी नहीं होता है। टेंडर अलॉट करने से पहले एजेंसी को सुरक्षा राशि भी निगम में जमा करवानी होती है। मामला अभी संज्ञान में आया है। इसकी जांच करवाई जाएगी। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। - प्रदीप दहिया, निगम आयुक्त, गुरुग्राम ठेकेदार द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद है। टेंडर कागजों की जांच के बाद भी एजेंसी को टेंडर जारी किया गया है। शिकायतकर्ता खुद इस टेंडर को लेने के लिए दबाव बना रहा था, लेकिन दबाव नहीं मानकर सरकार के हित में एजेंसी को टेंडर जारी किया गया था। जिस काम को यह ठेकेदार सवा करोड़ में कर रहे थे उस एजेंसी ने 80 लाख रुपये में काम कर रही है। - अजय पंघाल, कार्यकारी अभियंता
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