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जेवर एयरपोर्ट के नोटिफाइड एरिया में बने मकान टूटेंगे, इन गांवों में डिमोलिशन ऑर्डर जारी

उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा इंंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिसूचित क्षेत्र में बन रहे मकान टूटेंगे। प्रशासन ने दो दिनों में चार गांवों में 50 से अधिक पक्के निर्माण को चिह्नित कर उनके मालिकों को चेतावनी दी है। प्राधिकरण की ओर से इन मकान मालिकों को डिमोलिशन ऑर्डर जारी किया गया है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडा। हिन्दुस्तानWed, 19 March 2025 08:56 AM
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जेवर एयरपोर्ट के नोटिफाइड एरिया में बने मकान टूटेंगे, इन गांवों में डिमोलिशन ऑर्डर जारी

उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट के अधिसूचित क्षेत्र में बन रहे मकान टूटेंगे। प्रशासन ने दो दिनों में चार गांवों में 50 से अधिक पक्के निर्माण को चिह्नित कर उनके मालिकों को चेतावनी दी है। प्राधिकरण की ओर से इन मकान मालिकों को डिमोलिशन ऑर्डर जारी किया गया है। साथ ही, पुलिस से मदद मांगी गई है।

एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी दुर्गेश सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के लिए 14 गांवों की 2053 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी है। प्रशासन की टीम इसके लिए किसानों से लगातार सहमति ले रही है। इस अधिग्रहण के दायरे में लगभग 42 हजार किसान आएंगे, जबकि साढ़े नौ हजार किसानों को विस्थापित करने की आवश्यकता होगी। कुछ गांवों में किसान अधिसूचित क्षेत्र की जमीन पर मकान समेत पक्का निर्माण कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए डीएम मनीष कुमार वर्मा के आदेश पर चार टीमें गठित की गई हैं।

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जेवर प्रशासन ने सोमवार को मुकीमपुर सिवारा, किशोरपुर और रामनेर में करीब 16 से अधिक स्थानों पर जाकर पक्का निर्माण रुकवाया। साथ ही, प्राधिकरण को धारा-11 के तहत निर्माण को ध्वस्त करने के लिए पत्र भेजा। टीम ने मंगलवार को भी किशोरपुर, नीमका खाजपुर, थोरा, रामनेर समेत अन्य गांव में 40 से अधिक मकानों को चिह्नित किया और वहां पहुंचकर अवैध निर्माण रुकवाया। प्राधिकरण की ओर से इन भूस्वामियों को डीओ जारी कराया गया। पक्का निर्माण हटाने के लिए पुलिस से मदद मांगी गई। बुधवार को प्रशासन की टीम इन गांवों में पक्के निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई करने की तैयारी में है।

विस्थापन वाले गांवों में ज्यादा निर्माण तीसरे और चौथे चरण में कुल 14 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना है, लेकिन सबसे ज्यादा अवैध निर्माण चार से पांच गांवों में ही हो रहा है। इन गांवों के किसानों को विस्थापित किया जाना है। विस्थापित होने वाले किसानों को घर बनाकर देने के बजाय भूखंड देने पर भी विचार किया जा रहा है। इसी का फायदा उठाकर किसान मौके पर घर बना रहे हैं ताकि परिसंपत्ति का दोगुना लाभ हासिल कर सकें।

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अतिरिक्त मुआवजे के लिए चल रहा खेल

जिला प्रशासन किसानों को जमीन के बदले मुआवजा वितरित करता है। खाली जमीन पर तय प्रतिकर के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है। यदि उक्त जमीन पर पक्का निर्माण है तो किसान को जमीन की कीमत के साथ ही परिसंपत्तियों का भी मुआवजा दिया जाता है। ऐसे में किसानों ने अतिरिक्त मुआवजे के लिए जमीन की घेराबंदी कर यहां पक्का निर्माण शुरू कर दिया है।

अभय सिंह, जेवर उपजिलाधिकारी ने कहा, ''प्राधिकरण से दो दिनों में 50 से अधिक भूस्वामियों को पत्र जारी कराया गया है। उन्हें चेतावनी दी गई है कि वे पक्का निर्माण हटा दें। साथ ही, प्राधिकरण की ओर से डीओ जारी कराया जा चुका है। पुलिस से मदद मांगी जा रही है। अधिसूचित क्षेत्र में बने मकान तोड़े जाएंगे।''