गुरुग्राम में ढाई हजार एकड़ में बनेगी जंगल सफारी, वन विभाग ने घटाया क्षेत्रफल; बदलाव के क्या कारण
मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में बनने जा रही दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी पहले चरण में ढाई हजार एकड़ में ही विकसित होगी। पर्यावरणविदों और लोगों के लगातार विरोध के बाद वन विभाग ने अब इसका क्षेत्रफल घटाकर ढाई से तीन हजार एकड़ करने की योजना बनाई है।

मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में बनने जा रही दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी पहले चरण में ढाई हजार एकड़ में ही विकसित होगी। पर्यावरणविदों और लोगों के लगातार विरोध के बाद वन विभाग ने अब इसका क्षेत्रफल घटाकर ढाई से तीन हजार एकड़ करने की योजना बनाई है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम और नूंह में मौजूद अरावली के जंगल में दस हजार एकड़ में जंगल सफारी बनाने की घोषणा की थी।
दो साल से इस जंगल सफारी को लेकर लगातार योजनाएं बनाई जा रही है, लेकिन अभी तक धरात्तल पर कोई भी काम शुरू नहीं हुआ है। हालांकि बीते माह 18 मार्च को बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी दस हजार एकड़ में जंगल सफारी विकसित करने के लिए बजट में प्रावधान करने की बात कही थी, लेकिन अब वन विभाग ने योजना में बदलाव कर दिया है। नई योजना के अनुसार ढाई से तीन हजार एकड़ में ही जंगल सफारी विकसित की जाएगी। इसे लेकर अब वन्य जीव विभाग योजना तैयार कर रहा है।
योजना में बदलाव के कारण
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार दस हजार एकड़ का क्षेत्र काफी बड़ा हो रहा था। इतने बड़े क्षेत्र की आवश्कता नहीं होती है। इसके अलावा पर्यावरणविदों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है कि जंगल सफारी से अरावली में पर्यावरण के साथ वन्य जीवों को इससे नुकसान होगा। अब अरावली में ढाई से तीन हजार एकड़ चिन्हित की जाएगी, जहां 40 फीसदी से कम पेड़ हैं। विभाग द्वारा अरावली में खाली जगहों पर इसे बनाया जाएगा।
प्रकृति पथ बनाए जाएंगे
अरावली पर्वत में बाड़ वाले क्षेत्र बनाए जाएंगे, जिसमें बड़ी बिल्लियों के लिए बड़े बाड़े, शाकाहारी जानवरों के लिए अन्य क्षेत्र, एक पक्षी पार्क और पैदल यात्रियों के लिए प्रकृति पथ शामिल होंगे। वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात के अल धैद क्षेत्र में शारजाह पार्क अपनी तरह का सबसे बड़ा सफारी पार्क है। इसमें जानवरों की 120 प्रजातियां हैं। बताया जा रहा है कि सभी प्रकार के जानवर तथा पक्षियों की प्रजातियां जंगल सफारी में लाने की प्लानिंग है।
गुरुग्राम के डीएफओ राजकुमार यादव ने कहा, 'अब 10 हजार एकड़ की बजाय इसे ढाई से तीन हजार एकड़ में ही विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर योजना तैयार की जा रही है। पेड़ों के कम घनत्व वाले क्षेत्र में जंगल सफारी को विकसित किया जाएगा। इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया गया है।'