Pahalgam terror attack, last rites of Neeraj Udhwani and condition of his family गूंजती रही चीखें, थम गईं सांसें; आतंकी हमले में शहीद नीरज उधवानी की पत्नी की चीखों ने पूरे जयपुर को रुला दिया, Rajasthan Hindi News - Hindustan
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गूंजती रही चीखें, थम गईं सांसें; आतंकी हमले में शहीद नीरज उधवानी की पत्नी की चीखों ने पूरे जयपुर को रुला दिया

नीरज की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार वालों ने जैसे-तैसे उसे अंतिम दर्शन से अलग किया, लेकिन उसकी टूटी-बिखरी नजरें हर पल नीरज को खोजती रहीं।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरThu, 24 April 2025 10:32 AM
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गूंजती रही चीखें, थम गईं सांसें; आतंकी हमले में शहीद नीरज उधवानी की पत्नी की चीखों ने पूरे जयपुर को रुला दिया

कश्मीर की हसीन वादियों में सुकून की तलाश में निकले जयपुर के सीए नीरज उधवानी (33) को क्या पता था कि यह सफर ज़िंदगी का आख़िरी होगा। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में नीरज की निर्मम हत्या ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे राजस्थान को गहरे शोक में डुबो दिया। आज जब उनका पार्थिव शरीर जयपुर पहुंचा, तो माहौल पूरी तरह ग़मगीन हो गया। विधि विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

नीरज की अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के हुजूम ने बता दिया कि उन्होंने कितने दिलों को छुआ था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े समेत कई नेता और अधिकारी नीरज के घर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने नीरज की मां ज्योति के आंसू पोंछते हुए उन्हें ढांढस बंधाया। लेकिन शायद इस मातृदर्द की कोई भरपाई नहीं।

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सबसे हृदय विदारक दृश्य तब देखने को मिला, जब पत्नी आयुषी बार-बार मुड़कर नीरज के चेहरे को निहारती रही। वह उनके शव से हटने को तैयार नहीं थी। रोते-रोते उसकी हिचकियां थमने का नाम नहीं ले रही थीं। परिवार वालों ने जैसे-तैसे उसे अंतिम दर्शन से अलग किया, लेकिन उसकी टूटी-बिखरी नजरें हर पल नीरज को खोजती रहीं।

मालवीय नगर के मॉडल टाउन स्थित फॉरेस्ट व्यू रेजिडेंसी में रहने वाले नीरज अपने जीवनसाथी आयुषी के साथ छुट्टियों में पहलगाम गए थे। वहां आतंकी हमले में जब नीरज को गोली लगी, तब आयुषी उनके साथ ही थीं। नीरज के बड़े भाई किशोर उधवानी को आयुषी ने कांपती आवाज़ में फोन कर बताया था - "नीरज को गोली लग गई है।" ये शब्द ही अब पूरे परिवार के ज़हन में गूंजते रहते हैं।

बुधवार रात 8:15 बजे जब नीरज का पार्थिव शरीर इंडिगो फ्लाइट से जयपुर पहुंचा, तब से ही उनके घर का माहौल ग़म के समंदर में डूबा हुआ है। भाभी शुभि, भाई किशोर, मां ज्योति, पिता रमेश और पत्नी आयुषी – सभी की आंखों से आंसुओं की धार थम नहीं रही।

शहीद नीरज उधवानी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें, उनका मुस्कराता चेहरा और कर्तव्यनिष्ठ जीवन हमेशा के लिए दिलों में जिंदा रहेगा। जयपुर आज एक बेटा, एक भाई और एक पति नहीं, बल्कि एक जिंदादिल इंसान को अलविदा कह रहा है।

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