संकट की घड़ी में समूचा विपक्ष साथ आया
नई दिल्ली में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सरकार को आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए समर्थन दिया। बैठक में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने और पनाह देने वालों पर कार्रवाई की मांग की गई।...

सर्वदलीय बैठक - आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए सभी दलों ने सरकार को दिया समर्थन
- विपक्षी नेताओं ने आतंकी ठिकानों को नष्ट करने व पनाह देने वालों पर कार्रवाई करने को कहा
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सरकार को पूरा समर्थन दिया। बैठक में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के साथ आतंक को पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई की मांग की गई। वहीं, सरकार ने बताया कि इस बाबत प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
संसद परिसर स्थित संसदीय सौंध में हुई संसद के विभिन्न दलों के नेताओं की सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बैठक में सभी पार्टियों ने अपनी चिंता जताई और आतंकवाद के खिलाफ पूरी एकजुटता के साथ सरकार को कड़ी कार्रवाई करने के लिए पूरा समर्थन दिया। उन्होंने बताया कि बैठक की शुरुआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना के बारे में और उसके बाद केंद्र सरकार की सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति में उठाए गए कदमों और फैसलों के बारे में सभी नेताओं को जानकारी दी। साथ ही उन्होंने भारत सरकार के आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस पर भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
बैठक में सरकार ने कहा कि पिछले सालों से कश्मीर में शांति के साथ व्यापार और पर्यटन बढ़ रहा था, लेकिन एक घटना ने माहौल खराब कर दिया। सभी नेताओं ने अपने विचार रखे और कहा कि देश को एकजुट होकर एक आवाज में बोलना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ भारत को मिलकर लड़ाई लड़नी चाहिए इस बात को भी सभी ने माना। रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार से देश को संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
बैठक में आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की तरफ से प्रस्तुतीकरण दिया गया। घटना कैसे हुई और कहां चूक हुई इसके बारे में भी बताया गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि जहां घटना हुई वहां से मुख्य सड़क दो से ढाई घंटे की दूरी पर थी। सब कुछ अच्छा होते हुए भी चूक हुई है। इससे सब दुखी हैं आगे न हो इसके प्रबंध किए गए हैं। रिजिजू ने कहा कि बैठक में कुछ मुद्दे भी उठाए गए और उनके समाधान की बात भी सरकार ने कही। सभी ने कहा कि यह एकजुटता आगे भी रहेगी।
बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को बैठक में रहना चाहिए था। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार जो भी कदम उठाएगी उसका पूरा समर्थन करेंगे, लेकिन सरकार को कश्मीर में शांति के प्रयास भी करने चाहिए। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सभी दलों ने सरकार से आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि बैठक में संभावित सुरक्षा चूक पर भी चर्चा हुई, लेकिन विपक्ष ने सरकार को आश्वासन दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके साथ है। असदुद्दीन ओवैसी ने भी सुरक्षा खामियों का मुद्दा उठाया कि वहां सीआरपीएफ क्यों नहीं थी। क्यूआरटी एक घंटे में क्यों पहुंची। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में सभी एकजुट हैं, लेकिन कश्मीर के लोगों एवं छात्रों के खिलाफ जो प्रोपेगेंडा चल रहा है वह बंद होना चाहिए। हिंदू-मुस्लिम नहीं होना चाहिए।
इसके पहले बैठक शुरू होने पर सभी नेताओं ने घटना में मारे गए लोगों को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
विपक्ष ने इन तीन मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा
1. सीआरपीएफ उस समय मौके पर क्यों नहीं थी
2. क्यूआरटी की टीम इतनी देर से क्यों पहुंची
3. इंटेलिजेंस की इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई
सरकार का जवाब
सरकार ने कहा, चूंकि टूर ऑपरेटर्स ने तीन-चार दिन पहले ही बिना पुलिस को सूचना दिए टूर ऑपरेट करने शुरू कर दिए थे, इसलिए वहां सुरक्षा इंतजाम नहीं थे। क्यूआरटी के देरी पर भी कहा कि इस बारे में सूचना न होने से एसओपी नहीं था, क्योंकि टूर की जानकारी ही नहीं थी।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू मौजूद थे। राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सुप्रिया सुले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल, एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवेसी, बीजद के सस्मित पात्रा, तेदेपा के लावु श्रीकृष्ण देवरायलु, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, राजद के प्रेमचंद गुप्ता, द्रमुक के टी. शिवा सपा के रामगोपाल यादव शामिल थे।
कोट्स
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हम सबने एकजुट होकर हमले की निंदा की है। विपक्ष ने सरकार को किसी भी तरह कार्रवाई करने के लिए पूरा समर्थन दिया है।
- राहुल गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष
इस दुखद घटना पर सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं, लेकिन देश में सभी वर्गों की व्यापक चिंता को देखते हुए सरकार ने और भी कड़ी कार्रवाई करने की मंशा जताई है।
- राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
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