जस्टिस बेला को विदाई नहीं देने पर एससीबीए की आलोचना
भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की निंदा की कि उन्होंने जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी के सेवानिवृत्ति पर विदाई समारोह आयोजित नहीं किया। उन्होंने न्याय की दिशा में...

भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने शुक्रवार को सेवानिवृत्त होने पर जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी के लिए विदाई समारोह आयोजित नहीं करने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की निंदा की। उन्होंने कहा कि मुझे खुले तौर पर इसकी निंदा करनी चाहिए क्योंकि मैं स्पष्ट रूप से बोलने में विश्वास करता हूं। एससीबीए को ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहिए था। जस्टिस त्रिवेदी के सम्मान में आयोजित समारोहिक पीठ की अध्यक्षता करते हुए मुख्य न्यायाधीश गवई ने यह टिप्पणी की। समारोहिक पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा, जस्टिस त्रिवेदी और जस्टिस ए.जी. मसीह भी शामिल थे। सीजेआई गवई ने अपने संबोधन में कहा कि जस्टिस त्रिवेदी की जिला अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक के सफर, कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ न्याय करने के लिए सराहना की।
जस्टिस त्रिवेदी ने फर्जी वकालतनामा का इस्तेमाल कर शीर्ष अदालत में कथित तौर पर फर्जी याचिका दायर करने के संबंध में कुछ वकीलों के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। जस्टिस त्रिवेदी 9 जून को सेवानिवृत्त होंगी सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस त्रिवेदी आधिकारिक तौर पर 9 जून को सेवानिवृत्त होंगी। जस्टिस त्रिवेदी ने 16 मई को अपना अंतिम कार्य दिवस के रूप में चुना क्योंकि ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होने से पहले वह एक सप्ताह के लिए अवकाश पर जा रही हैं। परंपरा के अनुसार, एससीबीए सुप्रीम कोर्ट के जजों की सेवानिवृत्त होने पर विदाई समारोह आयोजित करता है, लेकिन जस्टिस त्रिवेदी के मामले में एक असाधारण निर्णय लिया गया, जो संभवतः बार निकाय से संबद्ध वकीलों के खिलाफ लिए गए कुछ निर्णयों के कारण हुआ। परंपराओं का पालन होना चाहिए : जस्टिस मसीह मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि एसोसिएशन ने जो रुख अपनाया है, मैं उसकी खुले तौर पर निंदा करता हूं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं खुले दिल से एससीबीए अध्यक्ष कपिल सिब्बल और उपाध्यक्ष रचना श्रीवास्तव की सराहना करता हूं क्योंकि एससीबीए द्वारा पारित प्रस्ताव के बावजूद वे यहां आए हैं, इससे जाहिर होता है कि जस्टिस त्रिवेदी एक बहुत अच्छी जज हैं। जस्टिस मसीह ने भी कहा कि यह बड़ी ही अजीब बात है, जैसा कि मुख्य न्यायाधीश ने पहले ही कहा है, मुझे खेद है, लेकिन मुझे कहना होगा कि परंपराओं का पालन किया जाना चाहिए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की 11वीं महिला जज हैं जस्टिस बेला जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी, सुप्रीम कोर्ट के 75 साल के इतिहास में 11वीं महिला जज हैं जो अधिकारिक तौर पर 9 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगी। जस्टिस त्रिवेदी ने जुलाई 1995 में गुजरात में ट्रायल कोर्ट के जज के रूप में कॅरियर की शुरुआत करने के बाद शीर्ष अदालत में पदोन्नत होने का गौरव प्राप्त था। उन्हें 31 अगस्त, 2021 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था, जब तीन महिलाओं सहित रिकॉर्ड 9 नए जज को पद की शपथ दिलाई गई थी। बीसीआई ने विदाई समारोह आयोजित करने का आग्रह किया भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एओआर एसोसिएशन से आग्रह किया है कि वे जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी के लिए एक आधिकारिक विदाई समारोह आयोजित करें। बीसीआई ने एससीबीए के अध्यक्ष कपिल सिब्बल और एससीएओआरए के अध्यक्ष विपुल नायर को लिखे पत्र में कहा कि ऐसे कद के जज को विदाई देने से इनकार करना संस्थागत मूल्यों पर सवाल उठाता है।
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