राज्यसभा: आईआरसीटीसी से टिकट बुक करने से आसान आईएएस की परीक्षा पास करना
राज्यसभा में कई सदस्यों ने आईआरसीटीसी से ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्रक्रिया की आलोचना की। आम आदमी पार्टी के सदस्य अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि रेल मंत्री के लिए भी आईआरसीटीसी से टिकट बुक करना कठिन है।...

- कई सदस्यों ने आईआरसीटीसी से ऑनलाइन टिकट बुक करने की प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा किया नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। राज्यसभा में बुधवार को कई सदस्यों ने आईआरसीटीसी से ऑनलाइन टिकट बुक करने की प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा किया। एक सदस्य ने यह तक कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी यदि आईआरसीटीसी से टिकट बुक कराने का प्रयास करें तो उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और आईएएस की परीक्षा पास करना आसान लगेगी। मालूम हो कि वैष्णव आईआईटी कानपुर के छात्र रहे हैं और पूर्व में (भारतीय प्रशासनिक सेवा) आईएएस के अधिकारी भी रहे हैं।
राज्यसभा में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में भाग लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) सदस्य अशोक कुमार मित्तल ने आईआरसीटीसी की पोर्टल से नासा के एक वैज्ञानिक का टिकट बुक करने का अनुभव साझा किया। मित्तल ने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया यह थी कि अगर उन्हें एक रॉकेट लॉन्च करना हो तो बस एक कमांड देनी पड़ती है, लेकिन यदि उन्हें भारतीय रेलवे की टिकट बुक करनी हो तो चार कैप्चा (एक डिजिटल सुरक्षा प्रणाली), दो ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) और पीएचडी करने जितना धैर्य चाहिए।
मित्तल ने कहा, ‘मंत्रीजी खुद आईआईटी से हैं। यदि वह टिकट बुक कराएं तो शायद उन्हें आईआईटी की प्रवेश परीक्षा आसान लगेगी। वह आईएएस भी रहे हैं। तो आईएएस में जितना आसान चांस होता है पास होने का, उससे कम चांस होता है रेलवे की वेटिंग टिकट कंफर्म होने का। उन्होंने कहा, राजधानी सबसे लंबी ट्रेन मानी जाती है लेकिन उससे भी लंबी रेलवे प्रतीक्षा सूची की कतार होती है। आईआरसीटीसी का सर्वर तो इतना नाजुक है कि वह सेंसेक्स से भी ज्यादा बार क्रैश होता है। उन्होंने रेलवे किराए और सुविधाओं को लेकर भी सरकार की आलोचना की। मित्तल ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे का भी उल्लेख किया और कहा कि अभी तक इसके लिए किसी की भी जिम्मेदारी तय नहीं की गई है।
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वंदे भारत 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रही: कांग्रेस
कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन ने रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि 2004 के बाद मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत गति 51.1 किलोमीटर प्रति घंटा, पैसेंजर ट्रेन की 35.1 किमी प्रति घंटा और मालगाड़ियों की औसत गति 23 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का दावा किया गया था लेकिन वास्तव में वह भी 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चल रही हैं। उन्होंने कहा यह इस सरकार के रफ्तार की गति है। यह सरकार सामान्य रेलगाड़ियों में सफर करने वाली 95 प्रतिशत आबादी को नजरअंदाज कर रही है।
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