अवमानना की शिकायत पर उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम की धारा 31 ए के तहत नियम नहीं बनाने पर दिल्ली के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने कहा है कि मुख्य सचिव अगली सुनवाई में जवाब दें। याचिकाकर्ता...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम की धारा 31 ए के तहत नियम नहीं बनाने पर दिल्ली के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया। इस मामले में उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना शिकायत दाखिल की गई है। न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वह मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर को पेश होकर जवाब दें। दरअसल उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 16 अगस्त 2024 को आदेश दिया था कि छह महीने के भीतर न्यूनतम मजदूरी अधिनियम की धारा 31 ए के तहत नियम बनाए जाएं। सभी नियोक्ताओं को कर्मचारियों की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा जाए। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने पीठ को बताया छह महीने बीत जाने के बावजूद पीठ के पूर्व के आदेश का पालन नहीं किया गया। अभी तक इसके लिए सख्त नियम नहीं बनाए गए हैं। उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि मुख्य सचिव की निष्क्रियता की वजह से 20 लाख प्रतिष्ठानों में काम करने वाले करीब 60 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पीठ ने मुख्य सचिव को ही तलब कर लिया है।
क्या कहता है नियम
न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 की धारा 31ए नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के डेटा को एक निर्दिष्ट वेबसाइट या वेब पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश देती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि नियोजक न्यूनतम मजदूरी का पालन करें, उन्हें कर्मचारियों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। सभी कर्मचारियों की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड होने से उनकी न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की जा सकती है। साथ ही इस निमय को सभी कर्मचारियों पर लागू कराने में भी आसानी होगी, क्योंकि इससे तमाम जानकारी सरकार के पास उपलब्ध होगी।
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