डीयू के अवकाश वाले नोटिफिकेशन से शिक्षकों में रोष
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर जारी नोटिफिकेशन

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर जारी नोटिफिकेशन का शिक्षक विरोध कर रहे हैं। कुछ शिक्षकों ने सीयूईटी के तहत होने वाले दाखिला में सहयोग न देने की बात कही है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जारी अधिसूचना के अनुसार, विश्वविद्यालय के स्नातक में तीसरे, चौथे, पांचवे और छठें सेमेस्टर के लिए शिक्षकों का अवकाश 1 जून 2025 से 20 जुलाई 2025 तक निर्धारित किया गया है। वहीं पहले और दूसरे सेमेस्टर के शिक्षकों के लिए यह अवकाश 29 जून 2025 से 20 जुलाई 2025 तक मान्य होगा। नोटिफिकेशन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन शिक्षकों ने विषम और सम सेमेस्टर में पढ़ाया है और जिनकी सेमेस्टर-2 में कक्षाएं नहीं थीं, वे 1 जून से निर्धारित अवकाश ले सकते हैं।
इसके साथ ही यह भी उल्लेख किया गया है कि सेमेस्टर-2 में पढ़ाने वाले शिक्षक 29 जून से छुट्टी पर जा सकते हैं। हालांकि, इस पत्र में यह भी उल्लेख है कि छुट्टी पर गए शिक्षकों को विश्वविद्यालय किसी भी समय ड्यूटी पर बुला सकता है, जिसमें प्रवेश, परीक्षा, मूल्यांकन, प्रशासनिक कार्य आदि शामिल हैं, और उन्हें संबंधित कार्यों का पालन करना होगा। डीयू के इस निर्देश पर शिक्षकों ने सवाल उठाया है। शिक्षकों का कहना है कि उनका कहना है कि लगातार तीसरे वर्ष ऐसा हो रहा है जब अवकाश को लेकर स्पष्ट नीति के अभाव में शिक्षक भ्रम और असमंजस की स्थिति में हैं। एक वरिष्ठ शिक्षक के अनुसार सेमेस्टर ब्रेक को विश्वविद्यालय 'अवकाश' नहीं मानता जबकि यूजीसी नियमानुसार शिक्षकों को 10 सप्ताह की छुट्टी का प्रावधान है। फिर भी उन्हें पढ़ाई, परीक्षा ड्यूटी और मूल्यांकन तीनों जिम्मेदारियों को एक साथ निभाना पड़ता है। शिक्षक संगठनों की मांग है कि अवकाश की कटौती की भरपाई अर्जित अवकाश के रूप में होनी चाहिए और इसमें तदर्थ शिक्षकों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
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