अपडेट ::: पूर्व आईसीएआर प्रमुख व पद्मश्री अय्यप्पन का शव कावेरी नदी से बरामद
डॉ. सुबन्ना अय्यप्पन, पूर्व आईसीएआर महानिदेशक, का शव कावेरी नदी से बरामद हुआ है। उनके पूर्व सहकर्मी ने उनकी रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। परिवार ने उनके 7 मई से लापता होने की रिपोर्ट दर्ज...

(अपडेट : डॉ. अय्यप्पन का परिचय जोड़ते हुए व सीबीआई जांच की मांग को समाहित करते हुए) ---------------------------------------------------- शब्द : 472 ----------- -पूर्व सहकर्मी ने की सीबीआई जांच की मांग मांड्या (कर्नाटक), एजेंसी इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) के पूर्व महानिदेशक व पद्मश्री से सम्मानित डॉ. सुबन्ना अय्यप्पन का शव कावेरी नदी से बरामद हुआ है। वह भारत में नीली क्रांति में योगदान के लिए जाने जाते थे। उनके पूर्व सहकर्मी ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। पुलिस के अनुसार श्रीरंगपटना के पास कावेरी नदी में लोगों ने डॉ. अय्यप्पन का शव तैरते देखा। पुलिस का कहना है कि 70 वर्षीय अधिकारी का दुपहिया वाहन नदी के किनारे खड़ा पाया गया और उनके नदी में छलांग लगाने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
हालांकि मौत के असली कारण का पता जांच के बाद ही चल सकेगा। शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया गया है। कृषि और मत्स्य वैज्ञानिक अय्यप्पन आईसीएआर के प्रमुख बनने वाले पहले गैर फसल वैज्ञानिक थे। वह मैसूर के विश्वेश्वर नगर औद्योगिक क्षेत्र में रहते थे। उनके परिवार ने मैसूर के विद्यारण्यपुरम थाने में उनके 7 मई से लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने बताया कि वह श्रीरंगपटना में कावेरी नदी के तट पर स्थित साईंबाबा आश्रम में अक्सर ध्यान किया करते थे। भारत की नीली क्रांति में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। भारत की नीली क्रांति के लिए 2022 में दिया गया पद़्मश्री डॉ. अय्यप्पन ने 2016 तक आईसीएआर के प्रमुख के तौर पर काम किया था। उन्होंने भारत की नीली क्रांति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत में नीली क्रांति में मत्स्य वैज्ञानिक के रूप में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। कृषि और मत्स्य पालन वैज्ञानिक अय्यप्पन ने कई शहरों में काम किया है जिनमें मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई, भोपाल, भुवनेश्वर और बेंगलुरु शामिल हैं। उन्होंने भुवनेश्वर में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर (सीआईएफए) के निदेशक और मुंबई में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज एजुकेशन (सीआईएफई) के निदेशक के रूप में काम किया है। वह इम्फाल में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू) के कुलपति भी रह चुके थे। मौत की सीअीआई जांच की मांग डॉ. अय्यप्पन की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत के मामले में आईसीएआर के पूर्व सदस्य ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। पूर्व सदस्य वेणुगोपाल बदरावाड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आईसीएआर में भ्रष्टाचार व नियुक्ति अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए मामले की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में आईसीएआर द्वारा अय्यप्पन को गवर्निंग बॉडी से गैर कानूनी ढंग से हटाए जाने की आलोचना की और दावा किया कि यह आईसीएआर में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप करने की ओर इशारा करता है।
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