ई-कॉमर्स कंपनियों के अस्थाई कर्मचारियों को जून तक मिलेगा स्वास्थ्य बीमा लाभ
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर अस्थाई कर्मचारियों (गिग वर्कर) को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत स्वास्थ्य सेवा और ईपीएफओ से जुड़े लाभ देने की प्रक्रिया...

- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बजट में घोषणा के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर शुरू किया काम - स्वास्थ्य बीमा के साथ ही अस्थाई कर्मचारियों (गिग वर्कर) को ईपीएफओ से जुड़े लाभ देने पर भी चल रहा काम
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
ई-कॉमर्स कंपनियों एवं डिजिटिल प्लेटफॉर्म से जुड़कर सेवा प्रदान करने वाले अस्थाई कर्मचारियों (गिग वर्कर) को जून तक प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलने लगेगा। इसको लेकर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने काम शुरू कर दिया है। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले अस्थाई कर्मचारियों को कार्ड जारी किया जाएगा, जिसके आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय उन्हें जन आरोग्य योजना के तहत चिकित्सकीय सेवा का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय सरकार ने बजट में सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक करोड़ गिग वर्कर को पीएमजेएवाई के तहत बीमा कवर देना का ऐलान किया था। योजना के तहत प्रति वर्ष परिवार को पांच लाख तक का स्वास्थ्य कवर दिया जाता है। अब श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर योजना को लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि मई के अंत तक या फिर जून में अस्थाई कर्मचारियों को योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। श्रम मंत्रालय ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले श्रमिकों को एक ई-श्रम कार्ड जारी करेगा, जिसके आधार पर उन्हें पीएमजेएवाई का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। योजना को स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से लागू किया जाना है, जिसको देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ भी वार्ता शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में यह तय किया जाना है कि क्या अस्थाई कर्मचारियों को लेकर से पीएमजेएवाई के तहत अलग से कार्ड जारी किए जाएंगे या फिर ई-श्रम कार्ड से ही उन्हें योजना का लाभ मिलने लगेगा। श्रम मंत्रालय से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि यह फैसला स्वास्थ्य मंत्रालय को लेना है। हमारी तरफ से उन सभी श्रमिकों की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझा की जाएगी जो गिग वर्कर के तौर पर कार्यरत हैं और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं।
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ईपीएफओ की पेंशन योजना का भी मिलेगा लाभ
स्वास्थ्य बीमा कवरेज का लाभ देने के साथ ही श्रम मंत्रालय गिग वर्क को सामाजिक सुरक्षा के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़ी सेवाओं का भी लाभ देने की दिशा में काम कर रहा है। इसको लेकर श्रम मंत्रालय की तरफ से गठित आंतरिक कमेटी पूरा प्रस्ताव तैयार कर चुकी है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस योजना को इस वर्ष के अंत तक या उससे पहले लागू किया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि ईपीएफओ का लाभ भी उन एक करोड़ अस्थाई कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ मिलेगा। भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए कर्मचारियों को अपनी तरफ से कोई अंशदान नहीं देना होगा। क्योंकि सामाजिक सुरक्षा संहिता- 2020 के तहत कंपनियों को कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि में योगदान देना जरूरी है। अब इस योगदान का उपयोग गिग वर्क के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए पीएफ अंशदान के तौर पर किया जाएगा। ई-श्रम पोर्टल पर दर्ज अस्थाई कर्मचारियों को ही ईपीएफओ से जोड़ा जाएगा। अनुमान है कि आने वाले वर्षों में देश में ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ अनुबंध के आधार पर काम करने वाले अस्थाई कर्मचारियों की संख्या तेजी से बढ़ेगी, जिसके वर्ष 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। ईपीएफओ का लाभ मिलने के बाद गिग वर्कर को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) नंबर जारी किया जाएगी, जिसमें जमा धनराशि को उन्हें स्थाई नौकरी लगने की दिशा में ट्रांसफर करने की सुविधा मिल सकेगी।
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