हरियाणा सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट ने खारिज किया
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार की 2019 की अधिसूचना को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के तहत 10 बोनस अंक देने का प्रावधान था। अदालत ने इसे संविधान...

नौकरियों के लिए सामाजिक-आर्थिक मानदंड के तहत 10 अंक देने की 2019 की अधिसूचना थी चंडीगढ़, एजेंसियां। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार की 2019 की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकारी नौकरियों की भर्ती में ‘सामाजिक-आर्थिक मानदंड के तहत उम्मीदवारों को 10 बोनस अंक दिए गए थे। न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा और मीनाक्षी आई. मेहता की खंडपीठ ने राज्य सरकार की 11 जून, 2019 की अधिसूचना को संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 का उल्लंघन माना। सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर यह फैसला आया। राज्य सरकार की 2019 की अधिसूचना के अनुसार, सामाजिक-आर्थिक मानदंड के तहत उम्मीदवारों को 10 अंक तक आवंटित किए जाने थे।
ऐसे उम्मीदवार को अधिकतम पांच अंक दिए जाते थे, जिनका कोई पारिवारिक सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है और अगर आवेदक विधवा है या खानाबदोश जनजातियों से संबंधित है, तो उसे पांच अतिरिक्त अंक दिए जाते थे।
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