बिहार में काले हिरणों के लिए कहां बन रहा पहला अभ्यारण्य, पर्यटन को भी बढ़ावा
अभ्यारण्य के निर्माण से लगभग चार सौ एकड़ में फैले जंगल में विचरण करने वाले दुर्लभ प्रजाति के काले हिरणों, नीलगायों व आवारा पशुओं को सुरक्षा के साथ एक ठिकाना तो मिलेगा ही, जिले में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

बिहार में काले हिरणों के लिए अभ्यारण्य बनाने का काम जारी है। यह अभ्यारण्य बक्सर जिले में बन रहा है। नावानगर प्रखंड के बारालेव (पीलापुर) मौजा में काले हिरणों के लिए अभ्यारण्य बनाया जा रहा है। इसके लिए जिले से गए प्रस्ताव पर राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा तेजी से काम चल रहा है। काले हिरणों के लिए बनाए जाने वाला यह सूबे का पहला अभ्यारण्य होगा। इसके निर्माण के बाद जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
बिहार सरकार कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिलते ही भटौली पंचायत के बारालेव मौजा की 12 एकड़ आनावाद बिहार सरकार की जमीन को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को अभ्यारण्य निर्माण के लिए नि:शुल्क हस्तान्तरित कर दिया गया है। अभ्यारण्य के निर्माण से लगभग चार सौ एकड़ में फैले जंगल में विचरण करने वाले दुर्लभ प्रजाति के काले हिरणों, नीलगायों व आवारा पशुओं को सुरक्षा के साथ एक ठिकाना तो मिलेगा ही, जिले में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
तत्कालीन सीओ अमरेश कुमार ने भटौली पंचायत के बारालेव मौजा की 12 एकड़ आनावाद बिहार सरकार की जमीन का मापी कराकर प्रस्ताव जिला मुख्यालय में भेजा था। प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए जिला द्वारा बिहार सरकार को भेज दी गई थी। जिले से भेजे गए प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद उसे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को सौंप दिया गया था। लेकिन, अभ्यारण्य निर्माण के लिए हस्तांतरित 12 एकड़ जमीन में कुछ भूमिहीनों को अंचल कार्यालय द्वारा पर्चा काट देने से मामला लटका है। यह जमीन अभी तक पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को प्राप्त नहीं हो सका है।