पेट की समस्या को न करें नजरअंदाज, हो सकता है गठिया का संकेत
लंबे समय से पाचन संबंधी समस्या है तो उसे नजरअंदाज न करें कमजोर आंतों

लंबे समय से पाचन संबंधी समस्या है तो उसे नजरअंदाज न करें कमजोर आंतों के चलते शरीर में प्रोटीन का असामान्य रूप से अधिक उत्पादन हो रहा है गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। अस्वस्थ जीवनशैली और अनियंत्रित खानपान के कारण लोगों की आंतें कमजोर हो रही हैं जिससे रूमेटाइड गठिया (जोड़ों में सूजन और दर्द) के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कमजोर आंतों के चलते शरीर में प्रोटीन का असामान्य रूप से अधिक उत्पादन हो रहा है जो ऑटोइम्यून बीमारियों का कारण बन रहा है। यह खुलासा एम्स (AIIMS) की ओपीडी में आने वाले मरीजों की जांच के दौरान हुआ है।
एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय मिश्रा के अनुसार, आंतों के कमजोर होने से पाचन संबंधी समस्याएं तो होती ही हैं लेकिन इसके साथ ही यह सिर दर्द, अनिद्रा, महिलाओं में मासिक अनियमितता और रूमेटाइड गठिया जैसी समस्याओं को भी जन्म देती हैं। उन्होंने बताया कि जब आंतों में गड़बड़ी होती है तो शरीर में ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एम्स में मरीजों की जांच के दौरान ‘बैक्टेरॉयड्स फ्रैजाइलिस नामक बैक्टीरिया पाया गया है। यह बैक्टीरिया शरीर में प्रोटीन का अत्यधिक उत्पादन करने लगता है जिससे रूमेटाइड गठिया और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां उत्पन्न होती हैं। एम्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिदिन एक से दो मरीजों की जांच में यह बैक्टीरिया पाया जा रहा है जो रूमेटाइड गठिया का मुख्य कारण बन रहा है। अगर किसी को लंबे समय से पाचन संबंधी समस्या है तो उसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्या है रूमेटाइड गठिया? रूमेटाइड गठिया एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद की ही स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। इससे जोड़ों में तेज दर्द, सूजन और अकड़न होती है। यह बीमारी शरीर के कई जोड़ों को एक साथ प्रभावित कर सकती है। विशेषकर सुबह उठने पर इसका दर्द अधिक महसूस होता है। मरीजों को अत्यधिक थकान और भूख में कमी की भी शिकायत होती है। बार-बार मीठा खाने का मन हो तो सावधान हो जाएं डॉ. मिश्रा के अनुसार, आंतों में मौजूद बैक्टीरिया ऐसे प्रोटीन स्रावित करते हैं, जो भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को प्रभावित करते हैं। इससे बार-बार मीठा खाने की इच्छा होती है। यह संकेत हो सकता है कि आपकी आंतों में असंतुलन है। ऐसे में डाइट में बदलाव जरूरी है। रोज एक जैसा भोजन करने से बचें और दही व फर्मेंटेड फूड (जैसे इडली, ढोकला, कांजी आदि) का सेवन बढ़ाएं ताकि आंतें स्वस्थ रहें।
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