Increased Infiltration Attempts from Pakistan Over 40 Attempts in Last 6-8 Months पहलगाम: चुनौती: जंगल और दुर्गम रास्तों से भारत में दाखिल हो रहे आतंकी, Delhi Hindi News - Hindustan
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पहलगाम: चुनौती: जंगल और दुर्गम रास्तों से भारत में दाखिल हो रहे आतंकी

क्रॉसर - धेरी से लंजोत तक रेकी करने के बाद घुसपैठ को देते अंजाम -

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 24 April 2025 05:35 PM
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पहलगाम: चुनौती: जंगल और दुर्गम रास्तों से भारत में दाखिल हो रहे आतंकी

क्रॉसर - धेरी से लंजोत तक रेकी करने के बाद घुसपैठ को देते अंजाम

- अक्तूबर और नवंबर माह में सबसे ज्यादा घुसपैठ की कोशिश

नंबर गेम

- 40 से 50 घुसपैठ की कोशिश बीते छह से आठ महीनों में हुई

- 70 से अधिक आतंकी घाटी के अलग-अलग हिस्सों में छिपे

घुसपैठ की कोशिश में मारे जा रहे आतंकी

वर्ष मामले आतंकी मारे गए

2023 187 184

2022 219 176

2021 229 180

2020 244 221

2019 255 157

2018 417 257

2017 279 213

स्रोत: गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट

घुसपैठ के अलग-अलग रास्ते

- लोलाब में नियंत्रण रेखा और बांदीपोरा सेक्टर से घुसपैठ

- तुलेल, गुरेज, माछिल, गुलमर्ग और उत्तरी कश्मीर भी केंद्र

- राजौरी, पुंछ, डोडा और किश्तवाड़ के रास्ते से भी घुसते हैं

- जंगलों, सुरंगों और पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से दाखिल होते हैं

- पीओके के धेरी से लंजोत तक नियंत्रण रेखा की निगरानी

नई दिल्ली, एजेंसी। पाकिस्तान की धरती से आतंकी घने जंगल और दुर्गम रास्तों के जरिए भारत में दाखिल हो रहे। इसमें उसकी सेना और खुफिया एजेंसियों की भूमिका अहम होती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया था। मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान लोलाब में नियंत्रण रेखा और बांदीपोरा सेक्टर के जरिए उत्तरी कश्मीर में आतंकियों की सबसे ज्यादा घुसपैठ कराता है। अक्तूबर और नवंबर के महीने में सबसे ज्यादा घुसपैठ होती है।

पीओके से करते हैं रेकी

भारत में घुसपैठ के लिए पाक सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) और आतंकी एकसाथ पाक अधिकृत कश्मीर के धेरी से लंजोत तक नियंत्रण रेखा की रेकी करते हैं। खुफिया जानकारी के अनुसार जैसे ही इन्हें मौका मिलता है आतंकियों के एक समूह को भारतीय सीमा में दाखिल करा देते हैं।

घुसपैठ में बैट की भूमिका

भारतीय खुफिया विभाग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) आतंकियों को अलग-अलग रास्तों से घुसपैठ में मदद करती है। तुलेल, गुरेज, माछिल, गुलमर्ग और उत्तरी कश्मीर के रास्ते भी बड़ी संख्या में आतंकियों को भारत में दाखिल कराया जाता है।

घुसपैठ के लिए प्लान

सेना के एक अधिकारी के अनुसार पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ को लेकर अलग-अलग योजना पर काम करता है। वो कभी राजौरी, पुंछ, डोडा और किश्तवाड़ के रास्ते आतंकियों को भारत पहुंचाता है। अब उसकी पूरी कोशिश घाटी में बड़ी से बड़ी संख्या में आतंकियों को पहुंचाना है।

जंगल के अच्छे जानकार

सुरक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि देशी आतंकी घुसपैठ की कोशिश को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। पाक में प्रशिक्षण ले रहे जम्मू- कश्मीर के आतंकी जंगल के हर रास्ते से वाकिफ होते हैं। पाक आतंकियों का दल इन्हीं के बताए रास्तों के जरिए जम्मू- कश्मीर में दाखिल होता है।

सैनिकों के बराबर प्रशिक्षण

पाक सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडों आतंकियों को सैनिकों को बराबर प्रशिक्षण देने का काम करते हैं। आधुनिक हथियार हैंडल करने, मैप पढ़ने, जीपीएस का इस्तेमाल और डाटा एनालिसिस करना सिखाया जाता है। जंगल में एनकाउंटर शुरू होने की स्थिति से निपटने के लिए भी उनको तैयार किया जाता है।

घाटी में छिपे हैं दहशतगर्द

सुरक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि बीते छह से आठ महीनों में सीमापार से घुसपैठ की 40 से 50 कोशिशें हुई हैं। जम्मू- कश्मीर में 120 आतंकी अलग-अलग जगह छिपे हैं। इसमें से 110 पाकिस्तानी हैं। इसमें 70 से अधिक आतंकी घाटी में जबकि 50 से 60 आतंकी ग्रेटर जम्मू रिजन में छिपे हैं।

ड्रोन से मिल रहे हथियार

जानकारों का कहना है कि आतंकी सीमापार से जब घुसपैठ करते हैं तो बहुत कम हथियार लेकर चलते हैं। मैप रीडिंग में महारथ हासिल करने के बाद इनको ड्रोन के जरिए पहले से बताए गए लोकेशन पर हथियार मुहैया कराए जाते हैं। इसी का नतीजा है कि सर्च ऑपरेशन के दौरान सेना को बार-बार हथियारों का जखीरा जंगलों में मिलता है।

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