Human Unity Day Celebrated at Sant Nirankari Bhawan Rishikesh Promoting Humanity as Supreme Religion मानव एकता दिवस निष्काम सेवा का अनुपम संकल्प, Rishikesh Hindi News - Hindustan
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मानव एकता दिवस निष्काम सेवा का अनुपम संकल्प

संत निरंकारी भवन ऋषिकेश में मानव एकता दिवस का आयोजन हुआ, जिसमें मानवता को सर्वोच्च धर्म बताया गया। इस अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। यह दिन...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषThu, 24 April 2025 05:35 PM
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मानव एकता दिवस निष्काम सेवा का अनुपम संकल्प

बाबा गुरबचन सिंह की पावन स्मृति में संत निरंकारी भवन ऋषिकेश में गुरुवार को मानव एकता दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें बताया गया कि मानवता ही सर्वोच्च धर्म है। इसी प्रेरणा से प्रेरित संत निरंकारी मिशन, सेवा और समर्पण के पथ पर निरंतर मानवता का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। गुरुवार को संत निरंकारी भवन में मानव एकता दिवस पर सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संयोजक हरीश बांगा ने सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का संदेश साझा किया। बताया कि प्रेम और भाईचारे की भावना को उजागर करता मानव एकता दिवस निरकारी मिशन द्वारा प्रति वर्ष 24 अप्रैल को बाबा गुरबचन सिंह की पावन स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन केवल पुण्य स्मरण का अवसर नहीं, बल्कि मानवता, सौहार्द और एकत्व की भावनाओं का एक आत्मिक संगम है। उन्होंने कहा मानव एकता दिवस पर मिशन द्वारा की ओर से सत्संग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेम, शांति और समरसता का प्रकाश भी जन-जन तक पहुंचाया जाता है। बताया कि इस वर्ष भी संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा पूरे भारतवर्ष की लगभग 500 से अधिक ब्रांचों पर रक्तदान शिविर आयोजित किये गए। बाबा गुरबचन सिंह ने सत्य बोध के माध्यम से समाज को अंधविश्वासों और कुरीतियों से मुक्तकर, नशा मुक्ति, सादा विवाह और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ जोड़ने जैसे लोक कल्याणकारी अभियानों की प्रेरक शुरुआत की। उन्हें आगे बढ़ाते हुए बाबा हरदेव सिंह ने रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं, का अमर संदेश देकर रक्तदान को मिशन की आध्यात्मिक सेवा का अभिन्न अंग बना दिया। संत निरंकारी हेल्थ सिटी की मेडिकल डाइरेक्टर गीतिका दुग्गल ने बताया कि गुरुवार को पूरे भारतवर्ष में आयोजित रक्तदान की कड़ी में लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। यह महाअभियान केवल रक्तदान नहीं, बल्कि सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की करुणा, सेवा और एकत्व के संदेश को जीवन में उतारने का सजीव माध्यम है, जो हमें सिखाता है कि मानवता ही सर्वोच्च धर्म है। इसी प्रेरणा से प्रेरित संत निरंकारी मिशन, सेवा और समर्पण के पथ पर निरंतर मानवता का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

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