India s Air Defense System Proves Effective Against Challenges S-400 and Indigenous Akash ऑपरेशन सिंदूर : पाकिस्तानी ड्रोनों के लिए काल बनी ‘आकाश, Delhi Hindi News - Hindustan
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ऑपरेशन सिंदूर : पाकिस्तानी ड्रोनों के लिए काल बनी ‘आकाश

-सतह से हवा में वार करने वाली स्वदेशी मिसाइल ने दिखाया दम नई दिल्ली,

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 9 May 2025 01:31 PM
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ऑपरेशन सिंदूर : पाकिस्तानी ड्रोनों के लिए काल बनी ‘आकाश

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत ने साबित कर दिया कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली किसी भी चुनौती का माकूल जवाब देने में सक्षम है। एस-400 के अलावा, भारत की स्वदेशी मिसाइल तकनीक आकाश ने भी अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों पर किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को सेना ने जिस सटीकता से नाकाम किया, उसमें आकाश ने निर्णायक भूमिका निभाई है। सतह से हवा में मार करने वाली यह स्वदेशी मिसाइल कारगर साबित हुई है। दुश्मन के हर वार का सटीक जवाब -3,000 से 3,600 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार -25-30 किलोमीटर तक की मारक क्षमता -100 किलोमीटर तक के क्षेत्र की निगरानी में सक्षम -60 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकती है इसलिए भी खास -पूरी तरह से भारत में विकसित -सतह से हवा में मार करने वाली -कई लक्ष्यों पर एकसाथ हमला करने में सक्षम -रडार से लैस प्रणाली लक्ष्यों को बेहतर ट्रैक करती है -सिस्टम में रियल-टाइम मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग -थल और वायुसेना दोनों के पास प्रणाली मौजूद ------------ एल-70 और शिल्का ने भी निभाई भूमिका पाकिस्तान की ओर से भेजे गए ड्रोन हमलों को नाकाम करने में एल-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन और शिल्का प्रणाली ने भी अहम भूमिका निभाई है।

दोनों ही सिस्टम ने अपने निशाने पर ऐसी सटीकता दिखाई कि पाकिस्तानी ड्रोन आकाश में ही राख हो गए। 1. एल-70 की खासियत 40 मिमी कैलिबर की ऑटोमैटिक एंटी-एयरक्राफ्ट गन 3,000 मीटर तक की प्रभावी फायरिंग रेंज 240 राउंड फायर करती है एक मिनट में 400 से अधिक एल-70 गन हैं वायु और थल सेना के पास 20 से अधिक राज्यों के एयरबेस और संवेदनशील ठिकानों पर तैनात 60 फीसदी से अधिक गन मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक फायर कंट्रोल सिस्टम से अपग्रेड इसलिए भी खास स्वीडिश कंपनी बोफोर्स द्वारा विकसित गन अब भारत में भी बन रही ड्रोन, हेलिकॉप्टर और लो-फ्लाइंग एयरक्राफ्ट को गिराने में महारत अत्याधुनिक इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और रडार सिस्टम से लैस रात के समय भी टारगेट को हिट करने में सक्षम 2. जेडएसयू-23-4 की शिल्का की खासियत 1970 के दशक से इस्तेमाल कर रहा भारत 23 मिमी कैलिबर की ऑटोमैटिक एंटी-एयरक्राफ्ट गन 850-1,000 राउंड फायर करती है एक मिनट में 2.5 किलोमीटर के हवाई लक्ष्यों को गिराने में माहिर 06 किलोमीटर तक की दूरी के हवाई लक्ष्य पहचान सकती है रडार से 60 से ज्यादा यूनिट को आधुनिकीकृत कर सेना में सक्रिय इन वायु वायु रक्षा प्रणालियां का इस्तेमाल भी संभव 1. बराक-8: भारत-इजरायल निर्मित। 100 किमी रेंज। विमान, हेलिकॉप्टर, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल नष्ट कर सकती है। नौसेना और थल सेना के लिए। 2. पृथ्वी एयर डिफेंस (पीएडी) : बैलिस्टिक मिसाइल रोधी। 80 किमी ऊंचाई, 300-2,000 किमी रेंज। 600 किमी तक 200 लक्ष्य ट्रैक। 3. एएडी : बैलिस्टिक मिसाइल रोधी। 30 किमी ऊंचाई, 150-200 किमी रेंज। वायुमंडल में इंटरसेप्ट। 4. स्पाइडर: इजरायली, 20-50 किमी रेंज। पाइथन-5 और डर्बी मिसाइल। विमान, मिसाइल नष्ट करने में सक्षम। 5. समर: स्वदेशी, 12-40 किमी रेंज। हेलिकॉप्टर, विमान नष्ट कर सकती है। 6. करसम: त्वरित प्रतिक्रिया, 3-30 किमी रेंज। हवाई खतरों के खिलाफ प्रभावी। -------------------------------------------------------------------- मिसाइल शक्ति 1. अग्नि-5 : रेंज 5,000 से 5,500 किलोमीटर तक है। यह परमाणु हथियारों ले जाने में सक्षम है। पूरे पाकिस्तान के साथ चीन और यूरोप के कुछ हिस्से भी इसकी जद में। 2. अग्नि-4 : रेंज लगभग 4,000 किलोमीटर है। यह भी परमाणु हथियारों से हमला करने की ताकत रखती है। यह पाकिस्तान के किसी भी कोने को आसानी से निशाना बना सकती है। 3. ब्रह्मोस यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइलों में शामिल है। इसकी स्पीड मैक 2.8 से 3.0 (3,675 किमी/घंटा) है। इसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है। इसकी रेंज 1500 किलोमीटर तक है। 4. एचएसटीडीवी : हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) एक क्रांतिकारी हथियार। गति 8,575 किलोमीटर प्रतिघंटा। रडार और मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए ट्रैक करना लगभग असंभव। 600 किलोमीटर तक की दूरी पर सटीक हमला कर सकती है। 5. प्रलय : स्वदेशी सतह-से-सतह में मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल। मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर। 1,000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकती है। दुश्मन के बंकरों, सैन्य ठिकानों और कमांड सेंटर को नष्ट करने में प्रभावी। 6. निर्भय : रेंज 1,000 किलोमीटर से अधिक है। जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च की जा सकती है। इसमें टेरेन कॉन्टूर मैपिंग तकनीक है, जो इसे रडार से बचने और सटीक निशाना लगाने में सक्षम बनाती है। -------- लड़ाकू विमान 1. सुखोई एसयू-30 एमकेआई : रूसी निर्मित, ट्विन-इंजन, मल्टी-रोल जेट। रेंज : 3,000 किमी, हवा में ईंधन भरने की क्षमता। 13 स्क्वाड्रन। ब्रह्मोस मिसाइल ले जा सकता है। ऊंचाई: 56,000 फीट। 2. राफेल : फ्रांसीसी 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल जेट। गति: 2,200 किमी/घंटा, रेंज: 3,700 किमी, ऊंचाई: 50,000 फीट। ग्राउंड सपोर्ट, एंटी-शिप हमले में सक्षम। 3. मिराज-2000: फ्रांसीसी सिंगल-इंजन जेट। गति: 2,350 किमी/घंटा। 3 स्क्वाड्रन। कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका। 4. जगुआर: ब्रिटिश-फ्रांसीसी, कम ऊंचाई पर हमले के लिए। गति: 1,700 किमी/घंटा। 4 स्क्वाड्रन। 5. मिग-29: रूसी ट्विन-इंजन जेट। गति: 2,400 किमी/घंटा। 3 स्क्वाड्रन। कारगिल में प्रभावी। 6. तेजस: स्वदेशी लाइट कॉम्बैट जेट, सिंगल-इंजन। 2 स्क्वाड्रन। ब्रह्मोस मिसाइल ले जाने में सक्षम। --------------- भारत की सैन्य शक्ति के आगे नहीं टिकता पाक 1. सैन्य क्षमता भारत कुल सैन्यकर्मीः 51 लाख 37 हजार 550 लड़ाकू विमानः 2229 युद्धक टैंकः 3151 नौसेना क्षमताः 293 पाकिस्तान कुल सैन्यकर्मीः 17 लाख चार हजार लड़ाकू विमानः 1399 युद्धक टैंकः 1839 नौसेना क्षमताः 121 (स्त्रोतः ग्लोबल फायर पावर 2025 के अनुसार) 2. परमाणु हथियार भारत पाकिस्तान 172-180 170 (स्रोत : सेंटर फॉर आर्म्स कंट्रोल) 3. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल भारतः 180 से ज्यादा मिसाइलः ब्रह्मोस, निर्भय, अग्नि-5, के-4 पाकिस्तानः 170 से अधिक मिसाइलः शाहीन-3, हत्फ-6, अबादील (सीएसआईएस मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट के अनुसार)

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