Establishment of Dhamaudha Court Enhances Local Legal Services and Community Relief बोले पूर्णिया : न्यायालय का हो अपना भवन, जलजमाव से दिलाएं निजात, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले पूर्णिया : न्यायालय का हो अपना भवन, जलजमाव से दिलाएं निजात

धमदाहा अनुमंडल में व्यवहार न्यायालय की स्थापना से स्थानीय लोगों को काफी राहत मिली है। अब ग्रामीणों को पूर्णिया जिला मुख्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। 100 से अधिक अधिवक्ता यहां काम कर रहे हैं, लेकिन...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरFri, 9 May 2025 11:01 PM
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बोले पूर्णिया : न्यायालय का हो अपना भवन, जलजमाव से दिलाएं निजात

अपराध और भू-समस्या से ग्रसित धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र के लोगों को धमदाहा अनुमंडल में व्यवहार न्यायालय की स्थापना हो जाने से काफी सुविधा बढ़ी है और स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिली है। धमदाहा अनुमंडल में चार प्रखंड क्षेत्र क्रमशः रुपौली, भवानीपुर, बी कोठी और धमदाहा हैं। इनमें से रुपौली प्रखंड 4 जिलों की सीमा से सटा हुआ है। कई जिलों की सीमा से सटे होने के कारण भूमि की समस्या भी यहां बहुत अधिक है और आपराधिक गतिविधियां भी काफी ज्यादा होती रही हैं। ऐसे ही मामले धमदाहा व्यवहार न्यायालय में आ रहे हैं। दूर-दराज के ग्रामीणों को अपना मामला लेकर पूर्णिया जिला मुख्यालय आने की समस्या समाप्त हो गई है। अभी लगभग 100 अधिवक्ता यहां काम कर रहे हैं। अब तो धीरे-धीरे महिला अधिवक्ताओं की संख्या भी बढ़ने लगी है।

2015 में हुई धमदाहा में व्यवहार न्यायालय की स्थापना

100 से अधिक अधिवक्ता पंजीकृत है संघ कार्यालय में

10 वर्षों से व्यवहार न्यायालय चल रहा है अनुमंडल भवन में

धमदाहा को अनुमंडल बने 35 वर्ष हो गए। 10 वर्ष पूर्व व्यवहार न्यायालय की स्थापना हो चुकी है। 10 वर्ष बाद भी कई मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हुई है। 17 जून 2015 को व्यवहार न्यायालय की स्थापना के 10 वर्ष बाद भी अधिवक्ताओं को न्यायालय की ओर से लाइब्रेरी उपलब्ध नहीं कराई गई है। संघ ने अपनी तरफ से एक लाइब्रेरी बना रखा है जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सहयोग किया है। हालांकि पिछले 10 वर्षों से अनुमंडल कार्यालय भवन में चल रहे व्यवहार न्यायालय भवन के निर्माम की प्रक्रिया अपनी अंतिम पड़ाव पर है। विगत 24 अप्रैल 2025 को व्यवहार न्यायालय भवन बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। टेंडर के अनुसार व्यवहार न्यायालय भवन बनाने वाली एजेंसी को 18 माह के अंदर न्यायालय भवन बनाकर सुपुर्द करना होगा।

जलजमाव की समस्या करती है परेशान :

फिलवक्त अनुमंडल कार्यालय के 5 कमरों में व्यवहार न्यायालय का कार्य चलने के कारण ना सिर्फ आम लोगों को बल्कि अधिवक्ताओं को भी कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। पानी पीने की सुविधा जैसी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। अधिवक्ताओं ने मुंसफ एवं सब जज के चेंबर में अपनी तरफ से एक 5 सीटर बेंच एवं कुर्सी लगवायी है परंतु यह अधिवक्ताओं के बैठने के लिए नाकाफी साबित हो रही है। इसके अलावा अधिवक्ता संघ कार्यालय प्रांगण में जलजमाव की गंभीर समस्या है। जिसका निदान विगत कई वर्षों से नहीं निकाला जा सका है। एफसीआई के जीर्ण-शीर्ण भवन को दुरुस्त करवा कर उसमें अधिवक्ता बैठ रहे हैं। संघ के पास कार्यालय के अलावा एक जीर्ण-शीर्ण भवन है। जिसमें संघ से निबंधित 100 के करीब अधिवक्ता अपना काम करते हैं। एक तरफ बने शेडनुमा बड़े से हाल में अधिवक्ताओं के साथ काम करने वाले मुंशी जमीन पर चट्टी बिछाकर बैठते हैं। जमीन का अभाव होने के कारण अधिवक्ता अपने लिए भवन एवं सुविधाओं का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। संघ कार्यालय प्रांगण में सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से भी अधिवक्ता सशंकित रहते हैं। हालांकि अत्यधिक काम मिलने तथा पूर्णिया के मुकाबले यहां अधिक मामले का निष्पादन हो रहा है। व्यवहार न्यायालय की धमदाहा के अधिवक्ताओं के लिए बहुत बड़ी सौगात है।

हाजत की नहीं हुई व्यवस्था :

तीन दशक पूर्व धमदाहा में अनुमंडल कार्यालय की स्थापना के बाद से ही अधिवक्ता संघ की स्थापना कर यहां अपना प्रैक्टिस करने में लग गए‌। हालांकि 25 वर्षों तक व्यवहार न्यायालय नहीं होने के कारण अधिकतर अधिवक्ताओं को अपेक्षाकृत काम कम हो रहा था। अधिवक्ताओं को 107 एवं 144 के मामले, जमीन नामांतरण के वाद, सिकमी, कायमी एवं भूमि सुधार उपसमाहर्ता कार्यालय में चलने वाले वादों के जैसे तैसे चल रहा था। परंतु 17 जून 2015 को व्यवहार न्यायालय की स्थापना के बाद जैसे ही दीवानी एवं फौजदारी मामलों की सुनवाई होने लगी धमदाहा अधिवक्ता संध में निबंधित 100 में से सक्रिय 70 अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस में शुमार आ गया। फिलवक्त अनुमंडल के धमदाहा, बी. कोठी, भवानीपुर एवं रुपौली प्रखंड के सभी 10 थाना क्षेत्र के टाइटल सूट से लेकर 2 वर्ष तक की सजा के सभी फौजदारी मुकदमा की पैरवी हो रही है। हालांकि हाजत नहीं होने के कारण यहां 2 साल तक की सजा वाले फौजदारी मुकदमे की ही सुनवाई की जाती है।

व्यवहार न्यायालय भवन बनाने की जरूरत :

मामले के निष्पादन से जहां अधिवक्ता अपनी प्रसन्नता जाहिर कर रहे हैं, वहीं अधिवक्ताओं का कहना है कि व्यवहार न्यायालय कि स्थापना के साथ ही अधिवक्ताओं को अपनी जानकारी एवं प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है। हालांकि न्यायालय अब तक अपना भवन नहीं होने के कारण अधिवक्ताओं को कई असुविधा का भी सामना करना पड़ रहा है। व्यवहार न्यायालय भवन बनने के साथ ही और हाजत बनते ही धमदाहा में 2 वर्ष से अधिक सजा वाले मामले की सुनवाई होने लगेगी। जुडिशल मजिस्ट्रेट बैठने लगेंगे तो अतिरिक्त मुंसफ का न्यायालय भी लगने लगेगा। परिणाम स्वरूप अधिवक्ताओं के पास और अधिक काम आने लगेगा। मामले की सुनवाई के दौरान बैठने की सुविधा नहीं होने से अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा प्रखंड कार्यालय से अनुमंडल कार्यालय के बीच बरसों पुराना ईट सोलिंग वाली टूटी फूटी सड़क होने के कारण न सिर्फ आम लोगों को बल्कि अधिवक्ताओं को कई बार इस सड़क पर परेशानी का सामना करना पड़ा है। बल्कि कई बार अधिवक्ता इस सड़क पर लड़खड़ाकर गिरे हैं और घायल भी हुए हैं।

शिकायत

1. अधिवक्ता संघ कार्यालय परिसर में जलजमाव की समस्या रहती है।

2. अधिवक्ता के लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।

3. अधिवक्ताओं को लाइब्रेरी की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।

4. पीने की पानी एवं न्यायालय परिसर में बैठने की व्यवस्था नहीं है।

5. न्यायालय परिसर में सार्वजनिक शौचालय नहीं, बाहर के एक मात्र शौचालय में ताला लगा रहता है ।

6. मुवक्किलों को जाड़ा,गर्मी, बरसात में बाहर खड़ा रहना पड़ता है।

सुझाव :

1. पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर अधिवक्ताओं को सुरक्षा दें।

2. न्यायालय परिसर में तत्काल पेयजल की सुविधा मिले ।

3. शौचालय की व्यवस्था हो ताकि महिलाओं को सुविधा मिले।

4. तत्काल शेड बनाकर आम लोगों के बैठने की व्यवस्था हो।

5. बरसों पुराने टूटे-फूटे ईंट सोलिंग रोड का पक्कीकरण हो।

6. अधिवक्ता संघ कार्यालय से बरसात में जलनिकासी की व्यवस्था हो।

हमारी भी सुनें:

1. दीवानी एवं फौजदारी दोनों तरह के मामले के निष्पादन में तेजी आई है जिससे क्षेत्र के लोगों को राहत मिली है और न्यायालय के प्रति लोगों का भरोसा भी बढ़ा है।

-सुजीत कुमार यादव, उपाध्यक्ष, अधिवक्ता संघ

2. धमदाहा में व्यवहार न्यायालय की स्थापना से संघ के 100 के करीब अधिवक्ताओं का प्रैक्टिस बढ़ा है। लंबे दिनों तक काम करने वाले अधिवक्ताओं के लिए यह वरदान साबित होगा।

-जनार्दन प्रसाद यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता

3. मामले की पैरवी के दौरान अधिवक्ताओं के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। पीने की पानी जैसी सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिसकी अत्यधिक दरकार है।

-नवीन कुमार झा, कोषाध्यक्ष, अधिवक्ता संघ

4. संघ कार्यालय प्रांगण में सुरक्षा नहीं होने से अधिवक्ता सशंकित रहते हैं। कई तरह के मामले की पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था मुहैया हो।

-विनोदानंद राय

5. वर्तमान न्यायालय परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से कैमरा लगा है। हाजत जैसी सुविधा उपलब्ध होने से 2 वर्ष से अधिक सजा वाले मामले की भी यहां सुनवाई होती‌ तो अधिवक्ताओं को काम करने का ज्यादा मौका मिलता।

-जयशंकर रेनू

6. व्यवहार न्यायालय का अपना भवन बनने से अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस के साथ-साथ सुविधा भी बढ़ेगी। फिलहाल कुछ और सुविधाओं से दो-चार होना पड़ रहा है। हालांकि 10 वर्षों से न्यायालय के काम में तेजी आई है।

-मनोज सिंह

7. धमदाहा में जमीन विवाद की जटिल समस्या है। मामले के लगातार हो रहे निष्पादन से क्षेत्र के लोगों को राहत मिल रही हैं। पूर्णिया के बजाय धमदाहा में सुनवाई होने से गरीब लोगों के पैकेट पर कम भार पड़ रहा है।

-राम लखन हांसदा

8. 30 वर्ष पूर्व बने अनुमंडल न्यायालय एवं दस वर्ष पूर्व व्यवहार न्यायालय की स्थापना के बाद भी न्यायालय तक जाने वाली सड़क खराब रहने से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है।

-केदार प्रसाद सिंह

9. धमदाहा अनुमंडल में अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय की स्थापना से अधिवक्ताओं और क्लाइंट की सुविधा बढ़ी है। युवा अधिवक्ताओं को प्रतिभा का जौहर दिखाने मौका मिल रहा है।

-देव मित्रा

10. अधिवक्ता संघ कार्यालय प्रांगण में जल जमाव की समस्या है जिसका निदान आवश्यक है इस समस्या से अधिकारी के साथ-साथ जनप्रतिनिधि बेखबर हैं।

-संजय ठाकुर

11. वर्तमान व्यवहार न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के लिए शौचालय जैसी मौलिक सुविधा उपलब्ध नहीं है जिस कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। महिला अधिवक्ता एवं महिला क्लाइंट भी परेशान हैं।

-शातिंना टुडू

12. न्यायालय में मामले का संधारण एवं संबंधित सभी प्रकार की जानकारी ऑनलाइन पर अपडेट रहने से अधिवक्ता एवं मोवकिल दोनों को सुविधा है। न्यायालय भवन नहीं होने के कारण कुछ और सुविधा आवश्यक है।

-तारकनाथ मंडल

13. व्यवहार न्यायालय की स्थापना से अधिवक्ताओं के पास काम भी बढ़ा है। जमीन उपलब्ध होने पर संघ अधिवक्ताओं के लिए सुविधा उपलब्ध कराएगी। न्यायालय द्वारा लाइब्रेरी उपलब्ध नहीं कराई गई है हालांकि संघ के पास अपना ही बेहतर लाइब्रेरी है।

-दिलीप श्रीवास्तव, सचिव, अधिवक्ता संघ

14. न्यायालय की स्थापना से आमदनी के साथ-साथ अधिवक्ताओं के लिए अपनी काबिलियत को बढ़ाने का भी बेहतर अवसर मिला है। मोवकिलों को बैठने की व्यवस्था नहीं होनी से परेशानी है। बैठने के लिए पेड़ का छाव भी उपलब्ध नहीं है।

-श्याम कांत झा, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ

बोले जिम्मेदार:

1. धमदाहा व्यवहार न्यायालय के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा हो गया है। नक्शा पास करने और एनओसी मिलते ही निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा। हालांकि भू स्वामी मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिए जिला स्तरीय प्राधिकार में गए हैं। फिलहाल न्यायालय भवन के निर्माण में किसी प्रकार के रोक का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अधिवक्ता संघ कार्यालय प्रांगण में जल जमाव की बात सामने आई है, उस पर स्थानीय स्तर से कार्य किया जाएगा।

-राजीव कुमार, एसडीएम, धमदाहा

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