Suspended IAS Abhishek Prakash troubles will increase Bhatgaon case Revenue Department preparing chargesheet निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश की भटगांव केस में बढ़ेंगी और मुश्किलें, राजस्व विभाग तैयार कर रहा आरोपपत्र, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश की भटगांव केस में बढ़ेंगी और मुश्किलें, राजस्व विभाग तैयार कर रहा आरोपपत्र

निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। राजस्व विभाग भटगांव भूमि घोटाले को लेकर विस्तृत आरोप पत्र तैयार कर रहा है। इसमें मीडिया में आई खबरों पर भी उनसे जवाब मांगा जा सकता है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ, विशेष संवाददाताFri, 9 May 2025 11:01 PM
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निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश की भटगांव केस में बढ़ेंगी और मुश्किलें, राजस्व विभाग तैयार कर रहा आरोपपत्र

निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। राजस्व विभाग भटगांव भूमि घोटाले को लेकर विस्तृत आरोप पत्र तैयार कर रहा है। इसमें मीडिया में आई खबरों पर भी उनसे जवाब मांगा जा सकता है। राजस्व विभाग की ओर से तैयार आरोपपत्र का नियुक्त विभाग अध्ययन करेगा। उसके बाद ही इसे उन्हें दिया जाएगा। यह घोटाला डिफेंस कॉरीडोर परियोजना के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त में किया गया। पिछले साल राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डा रजनीश दुबे की अध्यक्षता में गठित समिति ने इस मामले में अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट दी।

इसमें कहा गया है कि 28 जनवरी 1985 की पट्टा आवंटन की फाइल फर्जी है। इस पत्रावली में 90 व्यक्तियों के नाम पट्टे दर्ज दिखाए गए हैं। कथित आवंटन के 35-36 वर्ष बाद राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से अधिनियम एवं नियमों में दी गई प्रक्रिया का पालन न कर पहले असंक्रमणीय भूमिधर के रूप में खतौनी में नाम दर्ज किए गए। असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर दर्ज कर दिया गया। कुछ अनुसूचित जाति के पट्टेदारों की भूमि गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को बेचने की अनुमति नियम विरुद्ध ढंग से तथ्यों को छिपाकर प्राप्त कर ली गई। साजिश के तहत ग्राम समाज की भूमि का मुआवजा प्राप्त किया गया।

राजस्व विभाग ने अपने आरोपपत्र में इन सभी बिंदुओं को प्रमुखता से शामिल किया है। खास बात यह है कि किसी भी आईएएस अधिकारी को आरोपपत्र नियुक्ति विभाग देता है, लेकिन इसे तैयार राजस्व विभाग से करवाया जा रहा है, ताकि, कोई महत्वपूर्ण बिंदु नहीं छूटे। यहां तक कि आरोपपत्र तैयार करने में मीडिया में छपी खबरों का भी संज्ञान लेने के लिए कहा गया है। इस मामले में लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश समेत कई एसडीएम और तहसीलदार भी जिम्मेदार ठहराए गए हैं।