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जमशेदपुर में फिर गरजा बुलडोजर, खाली करवाई गई 25 करोड़ कीमत की जमीन; क्या थी वजह

शनिवार को जमशेदपुर में जमकर बुलडोजर ऐक्शन हुआ। यहां 25 करोड़ कीमत की सरकारी जमीन को खाली करवाया गया है। जमीन खाली करवाने में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, जमशेदपुरSun, 11 May 2025 06:57 AM
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जमशेदपुर में फिर गरजा बुलडोजर, खाली करवाई गई 25 करोड़ कीमत की जमीन; क्या थी वजह

Jamshedpur Bulldozer Action: झारखंड के जमशेदपुर में शनिवार को एक बार फिर से बुलडोजर गरजा। भारी विरोध के बीच कदमा के अनिल सुर पथ स्थित दो एकड़ 20 डिसमिल सरकारी जमीन को शनिवार को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया। इसकी सरकारी कीमत 25 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस जमीन पर चहारदीवारी बनी हुई थी और अंदर एक आउट हाउस जैसा घर बना हुआ था। यही नहीं, जमीन की प्लॉटिंग भी की हुई थी।

अतिक्रमण हटाने के लिए दो जेसीबी को लगाया गया था। मजिस्ट्रेट के रूप में सिटी मैनेजर जितेन्द्र सिंह, जबकि वरीय दंडाधिकारी के रूप में जमशेदपुर के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, सीआई, राजस्व कर्मचारी और बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी पहुंचे थे। सभी करीब 11 बजे वहां पहुंचे। इसकी जानकारी मिलते ही जमीन पर दावा करने वाले सपन महतो के घर की महिलाएं विरोध में आगे आ गईं। दो महिलाएं तो जेसीबी के बकेट में चढ़ गईं। उग्र विरोध के कारण शुरू में जेसीबी को रोकना पड़ा।

इस बीच झारखंड आंदोलनकारी हरमोहन महतो भी पहुंच गए। उन्होंने दावा किया कि यह जमीन 1908 और 1932 के सर्वे में कदमा निवासी सपन महतो के पूर्वजों की थी। 1998 में जमशेदपुर अक्षेस क्षेत्र में हुए सर्वे में इसे गलत तरीके से सरकारी खाते में दर्ज करा दिया गया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है। मामला डीसी कोर्ट में भी चल रहा है। ऐसे में जेपीएलई चलाकर आदेश पारित करना सरासर अन्याय है। वे इसके खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे। वे मंगलवार को डीसी से मिलेंगे और उनके कोर्ट में चल रहे इस मामले के बारे में बताएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि वास्तव में यह जमीन दो नेताओं की नाक की लड़ाई का शिकार हो गई है।

महिला पुलिस ने विरोध कर रहीं महिलाओं को पकड़कर वहां से हटाया तब जेसीबी से वहां बने निर्माण को तोड़ा गया। यह कार्रवाई दोपहर करीब तीन बजे समाप्त हुई। सीओ मनोज कुमार ने इस मामले में बताया कि इस जमीन का खाता नंबर 622, प्लॉट नंबर 1278, 7073, 858, 857, 7071 व 1278, रकवा 2.20 एकड़ और किस्म अनाबाद झारखंड सरकार है। इस जमीन पर सपन महतो और वासुदेव राव ने कब्जा कर रखा था, जिनके खिलाफ जेपीएलई वाद चलाया गया और इसका फैसला उनके खिलाफ हुआ था।