राज्यसभा: विश्व में सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास : रिजिजू
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। नए विधेयक में इस्लाम के सभी वर्गों को वक्फ बोर्ड में स्थान दिया जाएगा। 2013 में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन...

- केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक पेश किया - नये विधेयक में इस्लाम के सभी वर्गों को वक्फ बोर्ड में स्थान दिया जाएगा
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है। उन्होंने कहा, वक्फ (संशोधन) विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पांच साल से इस्लाम धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति ही अपनी जमीन वक्फ कर सकता है। जबकि पहले 2013 के संशोधन के अनुसार कोई भी व्यक्ति संपत्ति वक्फ को दे सकता था। इस नियम में बदलाव किया गया है।
राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक पेश करते हुए रिजिजू ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि नये विधेयक में इस्लाम के सभी वर्गों को वक्फ बोर्ड में स्थान दिया जाएगा। इसके पीछे सरकार की मंशा विधेयक को समावेशी बनाना है।
मंत्री ने 2013 में इस कानून में संशोधन के लिए बनी जेपीसी और वर्तमान जेपीसी के कामकाज की तुलना करते हुए कहा कि उसकी तुलना में नई समिति के सदस्यों की संख्या, बैठकों की संख्या, विचार-विमर्श करने वाले राज्यों की संख्या बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि वक्फ मामलों में मुसलमानों के अलावा किसी अन्य का हस्तक्षेप नहीं होगा। इस बारे में जो भी भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, वे निराधार हैं।
संपत्तियों का प्रबंधन ठीक से नहीं हो रहा
रिजिजू ने कहा कि विधेयक में जिस परमार्थ आयुक्त (चैरिटी कमिश्नर) की व्यवस्था की गई है, उसका काम केवल यह देखना है कि वक्फ बोर्ड और उसके तहत आने वाली जमीनों का प्रबंधन ठीक से हो रहा है या नहीं। रिजिजू ने कहा कि यह कहा जा रहा है कि रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है। उन्होंने कहा कि रेलवे और रक्षा सरकारी महकमे हैं, इस प्रकार देखा जाए तो सबसे ज्यादा संपत्ति वाला महकमा वक्फ बोर्ड है। विश्व में सबसे ज्यादा संपत्ति उसके पास है। 2006 में 4.9 लाख वक्फ संपत्ति देश में थीं और इनसे कुल आय मात्र 163 करोड़ रुपये की हुई, वहीं 2013 में बदलाव करने के बाद भी आय महज तीन करोड़ रुपये बढ़ी। जबकि अब 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। कारण साफ है कि संपत्तियों का प्रबंधन सही नहीं हो रहा है। इस विधेयक के प्रावधानों से वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के कारण देश के गरीब मुसलमानों का कल्याण हो सकेगा और उनके उत्थान में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि वक्फ से जुड़े मामले का समाधान निकल गया है तो इस विधेयक के प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू नहीं होंगे किंतु यदि कोई मामला अदालत में विचाराधीन है तो उसके लिए कुछ नहीं किया जा सकता।
इन संपत्ति को वक्फ नहीं किया जा सकेगा
मंत्री ने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन वक्फ करना चाहता है तो उसमें विधवा या तलाशशुदा महिला अथवा यतीम बच्चों के अधिकार वाली संपत्ति को वक्फ नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, राष्ट्रीय संपत्ति या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत आने वाले स्मारकों या जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आज वक्फ से संबंधित 31 हजार से अधिक मामले लंबित हैं इसलिए वक्फ न्यायाधिकरण को मजबूत बनाया गया है।
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