दुनिया में प्रसंस्कृत भारतीय खाद्य पदार्थों के लिए अपार संभावनाएं: चिराग
दावोस में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भारतीय खाद्य उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाने की बात की। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग किसानों की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता...

- कहा, हमारा मकसद किसानों की अधिक मदद करना - देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को और मजबूत बनाना भी
दावोस, एजेंसी। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक के लिए यहां पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भारतीय खाद्य उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि दुनिया में प्रसंस्कृत भारतीय खाद्य पदार्थों के लिए अपार संभावनाएं हैं।
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें दिया गया खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय एक बड़ी जिम्मेदारी लेकर आया है। उन्होंने सोमवार शाम दावोस पहुंचने के बाद कहा, हमारा मकसद किसानों की अधिक मदद करना और साथ ही देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को और मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हमारे किसानों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य की चर्चा करते हुए पासवान ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान होगा। मंत्री ने कहा, बीते 10 वर्षों में हमने किसानों की मदद के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने कहा, मैं ग्रामीण क्षेत्र की बात कर रहा हूं, सिर्फ बड़े या मझोले श्रेणी के शहरों की नहीं। मेरा मानना है कि हमारे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास की अपार संभावनाएं हैं। विश्व आर्थिक मंच की पांच दिवसीय वार्षिक बैठक 24 जनवरी को संपन्न होगी। इस दौरान पासवान यहां कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात में 10 फीसदी तक हुई वृद्धि
चिराग पासवान ने साथ ही कहा कि भारतीय व्यंजनों को विश्व स्तर पर किस तरह पसंद किया जाता है, यह सभी जानते हैं। मंत्री ने कहा, सदियों से भारतीय मसाले हर जगह प्रसिद्ध हैं। हमारे देश में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक इसकी कई किस्में हैं। ये सभी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा, इसके साथ ही, वैश्विक स्तर पर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ रही है। यदि हम पिछले एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का निर्यात 13-14 प्रतिशत से बढ़कर 23-24 प्रतिशत हो गया है। पासवान ने कहा, इससे पता चलता है कि वैश्विक बाजार में इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। मैं इसी दिशा में काम कर रहा हूं ताकि भारतीय ब्रांडों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले।
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