'गवर्नर के कार्यक्रम में गए तो लौटकर नहीं जा पाएंगे घर'; तमिलनाडु में एक नया विवाद
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और गवर्नर आर एन रवि के बीच झगड़ा बढ़ गया है। गवर्नर के बुलावे पर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में सिर्फ एक तिहाई कुलपति ही शामिल हो सके। आरोप है कि उन्हें डराया-धमकाया गया है।

तमिलनाडु में लंबे समय से गवर्नर और मुख्यमंत्री के बीच जारी तकरार में अब नया मोड़ आ गया है। राज्य के राज्यपाल आर एन रवि ने आरोप लगाया है कि राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शुक्रवार (25 अप्रैल) को यहां राजभवन में शुरू हुए दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी। राज्यपाल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए आयोजित कुलपतियों के सम्मेलन में राज्य विश्वविद्यालयों का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ।
ऊटी स्थित राजभवन परिसर में आयोजित तमिलनाडु के राज्य, केंद्रीय और निजी विश्वविद्यालयों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। इस दौरान उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कुलपतियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। रवि की ‘विचारशील पहल’ की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपाल ने 2022 में यह पहल की थी और मौजूदा सम्मेलन वार्षिक सम्मेलनों की श्रृंखला का हिस्सा है।
गवर्नर के आरोप- घर नहीं लौटने की दी गई धमकी
इससे पहले, रवि ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से इस सम्मेलन में राज्य के विश्वविद्यालय भाग नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्होंने मुझे लिखित रूप से सूचित किया है कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा भाग नहीं लेने की चेतावनी दी गई है।’’राज्यपाल ने कहा, ‘‘अभी तक, हमारे एक कुलपति पुलिस थाने में थे। कुछ कुलपति ऊटी पहुंचे और कुछ के साथ तो अभूतपूर्व हुआ, जो पहले कभी नहीं हुआ। आधी रात को उनके दरवाजे पर दस्तक हुई और पुलिस की एक विशेष शाखा ने जाकर उनसे कहा कि अगर वे गवर्नर के सम्मेलन में भाग लेते हैं, तो घर वापस नहीं जा पाएंगे।’’
कार्यक्रम में एक तिहाई कुलपति ही आ सके
तमिलनाडु राजभवन के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, आमंत्रित किए गए 56 उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों में से केवल 18 ही इस सम्मेलन में शामिल हो सके। जिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को न्योता भेजा गया था, उनमें पांच केंद्रीय विश्वविद्यालय, 20 राज्य विश्वविद्यालय, चार केंद्रीय संस्थान और 27 निजी विश्वविद्यालय शामिल थे। शामिल होने वालों में 16 लोग केंद्रीय विश्वविद्यालयों और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लोग थे, जबकि दो राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति के प्रतिनिधि थे। (भाषा इनपुट्स के साथ)