दिल्ली के सामने नहीं झुकेगा तमिलनाडु, अमित शाह पर स्टालिन का निशाना; बोले- हम कंट्रोल से बाहर
स्टालिन ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि चाहे NEET का मामला हो या तीन-भाषा नीति का, या फिर वक्फ संशोधन एक्ट या परिसीमन का मसला हो, इन सभी पर सिर्फ हम ही केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर हैं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका राज्य कभी भी दिल्ली में बैठी सरकार के सामने नतमस्तक नहीं होगा। इसके साथ ही डीएमके चीफ ने कहा कि तमिलनाडु हमेशा दिल्ली के कंट्रोल से बाहर रहता है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर शुक्रवार को निशाना साधते हुए स्टालिन ने कहा, "अमित शाह कहते हैं कि 2026 में वे सरकार बनाएंगे। मैं उन्हें चुनौती देता हूं और कहता हूं कि तमिलनाडु कभी भी दिल्ली सल्तनत के आगे नहीं झुकेगा...हमारे पास इतनी ताकत है। आप दूसरे राज्यों में पार्टियों को तोड़कर और छापे मारकर सरकार बनाकर जो करते हैं, वह तमिलनाडु में नहीं चलेगा। यह फॉर्मूला यहां काम नहीं करेगा...तमिलनाडु हमेशा दिल्ली के कंट्रोल से बाहर रहता है।"
स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह से NEET परीक्षा और राज्य में हिंदी थोपने पर भी सवाल किया। उन्होंने कहा, "मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि क्या वे NEET से छूट देने का आश्वासन दे सकते हैं? क्या वे आश्वासन दे सकते हैं कि आप हिंदी लागू नहीं करेंगे? क्या वे तमिलनाडु को विशेष निधि जारी करने की सूची दे सकते हैं? क्या आप अपना वचन दे सकते हैं कि परिसीमन से (संसदीय चुनावों में तमिलनाडु की) सीटें कम नहीं होंगी? अगर हम ध्यान भटका रहे हैं, तो आपने तमिलनाडु के लोगों को उचित जवाब क्यों नहीं दिया?"
तमिलनाडु को विभाजित नहीं कर सकते
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा की गई टिप्पणी, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु सरकार को 'बेईमान' और राज्य के लोगों को 'असभ्य' कहा था, पर स्टालिन ने कहा कि राजनीति तमिलनाडु को विभाजित नहीं कर सकती। डीएमके चीफ ने कहा, "केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिल लोगों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने भी ऐसा ही किया। यहां तक कि ओडिशा में प्रधानमंत्री ने तमिलों के बारे में बुरी बातें कहीं और पूछा कि क्या तमिल लोग ओडिशा पर शासन कर सकते हैं... आपने राजनीति के जरिए विभाजन करने की कोशिश की लेकिन तमिलनाडु में ऐसा नहीं कर पाएंगे।"
स्वयत्तता की भी कर चुके हैं वकालत
इससे पहले, 15 अप्रैल को भी एमके स्टालिन ने केंद्र पर अपना हमला तेज करते हुए राज्य को अपने मामलों में फैसला लेने के लिए अधिक स्वायत्तता देने की वकालत की थी। स्टालिन का यह बयान विधानसभा द्वारा पारित विभिन्न विधेयकों को मंजूरी देने को लेकर राज्यपाल आरएन रवि के साथ राज्य सरकार के टकराव के बाद आया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में एक उच्च स्तरीय समिति नियुक्त करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है जो राज्य की नई स्वायत्तता की सिफारिश करेगी और राज्य के अधिकारों को पुनः प्राप्त करेगी। समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जस्टिस कुरियन जोसेफ करेंगे और इसमें सेवानिवृत्त आईएएस अशोक वर्धन शेट्टी और एम नागराजन शामिल होंगे। समिति जनवरी 2026 के अंत तक राज्य को एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी और दो साल के भीतर एक पूरी रिपोर्ट पेश की जाएगी। समिति राज्य और केंद्र सरकार के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए सिफारिशें भी देगी।