दक्षिणी रिज क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की धीमी गति पर एनजीटी नाराज
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दक्षिणी रिज क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की धीमी गति पर नाराजगी जताई है। एनजीटी ने कहा कि अभी तक प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। एनजीटी ने...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राजधानी के दक्षिणी रिज क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की धीमी गति पर नाराजगी जताई है। एनजीटी ने कहा कि इलाके से अतिक्रमण हटाने को लेकर अभी तक प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि रिज एक महत्वपूर्ण हरित क्षेत्र है, जिसे राजधानी का फेफड़ा माना जाता है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने आदेश में कहा कि उप-वन संरक्षक ने 21 जनवरी को दायर स्थिति रिपोर्ट को रिकार्ड में रखा है। इसमें पांच अप्रैल 2019 तक अतिक्रमण की स्थिति दिखाई गई है, लेकिन प्रगति संतोषजनक नहीं है।
चार जुलाई को अगली सुनवाई होगी
अदालत ने कहा कि चार्ट में पांच अप्रैल से मौजूदा समय तक किए गए अतिक्रमणों का खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, प्रधान मुख्य वन संरक्षक के वकील ने अतिक्रमणों और उन्हें हटाने के लिए उठाए गए कदमों के लिए समयबद्ध कार्यक्रम के बारे में एक व्यापक हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा। पीठ ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को तय की है।
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