पाक के चैनल सशस्त्र बल अधिकारियों के खिलाफ झूठी खबरें फैला रहे
पहलगाम हमले के बाद तनाव के बीच, पाकिस्तान के टीवी चैनल और सोशल मीडिया हैंडल भारतीय अधिकारियों के खिलाफ गलत सूचना फैला रहे हैं। इन चैनलों ने भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों की बर्खास्तगी और पदोन्नति...

नई दिल्ली, एजेंसी। पहलगाम हमले के कारण उत्पन्न तनाव के बीच पाकिस्तान के कुछ टीवी चैनल और सोशल मीडिया हैंडल भारतीय सशस्त्र बल अधिकारियों के खिलाफ संगठित रूप से गलत सूचना फैलाने का अभियान चला रहे हैं। सूत्रों ने शनिवार को बताया कि आतंकी हमले पर भारत की तेज और निर्णायक प्रतिक्रिया के बाद पाक चैनलों की ओर से यह हरकत की जा रही है। पाकिस्तान के चैनलों और कुछ ट्रोल नेटवर्क ने आरोप लगाया कि रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक जनरल लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को कथित ऑपरेशनल लापरवाहियों के बाद बर्खास्त किया गया और उन्हें अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के काला पानी में निर्वासित कर दिया गया था।
हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल राणा को अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदोन्नत किया गया था, जो एक त्रि-सेवा कमांड है। एक अन्य घटना में कुछ पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया हैंडल्स ने आरोप लगाया कि लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार को पहलगाम हमले से जुड़ी असफलता के कारण सेना की उत्तरी कमान से हटा दिया गया था। हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल कुमार 30 अप्रैल, 2025 को चार दशकों की प्रतिष्ठित सेवा के बाद सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्त हुए। कमान परिवर्तन की सूचना पहले से ही दी जा चुकी थी। वहीं, एक अन्य पाक सोशल मीडिया अकाउंट से आरोप लगाया गया कि वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एसपी धारकर को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध करने से इनकार करने के लिए उनके पद से बर्खास्त किया गया था। हालांकि, एयर मार्शल धारकर इस वर्ष 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हुए और एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने वायुसेना के नए उप प्रमुख के रूप में पदभार संभाला। सूत्रों ने कहा कि ये आरोप 'धोखे के पैटर्न' का हिस्सा हैं, जिसमें प्रत्येक दावा भारत की ओर से पहलगाम हमले के बाद मजबूत कूटनीतिक प्रतिक्रिया के बाद किया गया। विशेष रूप से इनका लक्ष्य खुफिया विभाग के कमांडर इन इंचार्ज और और अन्य वरिष्ठ अधिकारी थे। यह भी दावा किया गया है कि ये कहानियां उन आईएसआई से जुड़े सोशल मीडिया हैंडल द्वारा फैलाई गई थीं, जो गलत जानकारी फैलाने के लिए जाने जाते हैं। मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ, रक्षा मंत्रालय ने गलत सूचना फैलने से रोकने के लिए इन अफवाहों पर त्वरित स्पष्टीकरण जारी किया है।
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