ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सुरंग का काम इस हफ्ते पूरा होगा
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सबसे लंबी सुरंग (14.08 किलोमीटर) की खोदाई का कार्य अंतिम चरण में है। यह परियोजना दिसंबर 2026 तक पूरी होगी, जिससे यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर 2-2.5 घंटे हो जाएगा।...

- 14.08 किलोमीटर की देश की सबसे लंबी सुरंग की खोदाई का काम अंतिम चरण में नई दिल्ली, विशेष संवाददाता
केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य अंतिम चरण में है। परियोजना में बनाई जा रही देश की सबसे लंबी सुरंग (14.08 किलोमीटर) की खोदाई का कार्य इस सप्ताह पूरा हो जाएगा।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकरी ने बताया कि 125.20 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में 105 किलोमीटर लंबी सुरंगें बनाई जा रही हैं। इनमें देवप्रयाग-जनासू सेक्शन पर 14.08 किलोमीटर की सबसे लंबी सुरंग खोदी जा रही है। यह कार्य शुक्रवार तक पूरा कर लिया जाएगा। परियोजना पूरी का लक्ष्य दिसंबर 2026 रखा गया है। इसमें उक्त सुरंग की खोदाई का काम सबसे जटिल है। इस सुरंग को दो भागों में बनाया जा रहा है। इसमें एक मुख्य सुरंग होगी, जिससे ट्रेन का परिचालन होगा। दूसरी सुरक्षा सुरंग है, जो किसी आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इस्तेमाल की जाएगी। हर 500 मीटर पर दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिए क्रास रोड बनाई जा रही हैं।
आठ घंटे का सफर ढाई घंटे में
अधिकारी ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पूरी होने के बाद 125 किमी की दूरी महज दो से ढाई घंटे में पूरी होगी। वर्तमान में सड़क परिवहन से यह दूरी सात से आठ घंटे में पूरी होती है। इस रेल खंड पर कुल 17 सुरंगें और 35 पुल बनाए गए हैं और 12 स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। इस खंड पर ट्रेनों का संचालन शुरू होने के साथ ही उत्तराखंड के चारधाम तीर्थ स्थल पूरे देश से सीधे जुड़ जाएंगे। देश भर से तीर्थ यात्री ट्रेन से चारधाम यात्रा कर सकेंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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