जस्टिस वर्मा के घर में नकदी मिलने की पुष्टि, दे सकते हैं इस्तीफा : सूत्र
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 3 जजों की समिति ने दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज यशवंत वर्मा के घर में लगी आग बुझाने के दौरान भारी मात्रा में नकदी मिलने की पुष्टि की है। जस्टिस वर्मा के सामने इस्तीफा या...

प्रभात कुमार नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 3 जजों की समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में लगी आग बुझाने के दौरान भारी मात्रा में नकदी मिलने के आरोपों की पुष्टि की है। इस रिपोर्ट के बाद जस्टिस वर्मा के सामने बहुत ही सीमित विकल्प (इस्तीफा या महाभियोग) बचे हैं। सूत्रों ने बताया कि आरोपों की जांच के लिए गठित समिति ने 4 मई को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को सौंपी अपनी रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के घर में आग बुझाने के दौरान स्टोर रूम से भारी मात्रा में नकदी मिलने की पुष्टि की है।
14 मार्च को जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित तुगलक क्रिसेंट रोड पर स्थित सरकारी आवास परिसर में लगी आग बुझाने दौरान दमकल कर्मियों और दिल्ली पुलिस को भारी मात्रा में नकदी मिलने की बात सामने आई थी। जस्टिस वर्मा अपना पक्ष रखें : सीजेआई सूत्रों के अनुसार मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने समिति की रिपोर्ट जस्टिस वर्मा को भेजने के साथ ही, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करते हुए उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा है। इस घटना के सामने आने के बाद जस्टिस वर्मा ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष दिए अपने बयान में कहा था कि नकदी से उनका या उनके परिवार के किसी सदस्य का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने अपने खिलाफ साजिश होने की संभावना भी जताई थी। तीन हाईकोर्ट के जज की समिति ने रिपोर्ट सौंपी दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय द्वारा की गई आरंभिक जांच में पहली नजर में आरोपों की पुष्टि किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मामले की विस्तृत जांच के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनु शिवरामन की तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया था। पुलिस आयुक्त समेत 50 से अधिक लोगों के हुए बयान दर्ज मामले की जांच कर रही 3 जजों की समिति ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा, दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख सहित 50 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए, जो जस्टिस वर्मा के आवास पर 14 मार्च की रात करीब 11.35 बजे आग लगने की घटना के पहले प्रतिक्रिया देने वालों में शामिल थे। पुलिस आयुक्त ने ही दी थी सूचना दिल्ली पुलिस आयुक्त का बयान इसलिए दर्ज किए गए क्योंकि जस्टिस वर्मा के घर आग बुझाने के दौरान नकदी मिलने की जानकारी उन्होंने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को फोन पर दी थी। साथ ही, उन्होंने घटना की वीडियो और तस्वीर भी मुख्य न्यायाधीश को भेजा था। इस बारे में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में विस्तार से जानकारी दी थी। अंतिम फैसला लेना चाहते हैं मुख्य न्यायाधीश खन्ना सूत्रों ने कहा कि सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इससे पहले इस मामले में तार्किक निष्कर्ष पर ले जाना चाहते हैं। बताया गया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम सदस्यों के साथ रिपोर्ट के निष्कर्षों पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की है।
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