मॉक ड्रिल : सायरन बजा, धमाका-तबाही और फिर दौड़ पड़ी जिंदगी
Prayagraj News - घड़ी में शाम सात बजे मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें एयर स्ट्राइक के बाद लोगों को सुरक्षित निकालने की तैयारी का परीक्षण किया गया। सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची। गृह...
घड़ी में शाम सात बजे थे। वायु सेना कमांड से हमले की सूचना मिली। तत्काल अंधेरा छा गया। इसी के साथ सायरन की आवाज ने आसपास मौजूद लोगों के दिल दहला दिए। कोई कुछ सोच पाता, इससे पहले ही एक के बाद एक 11 धमाकों ने सभी को भयभीत कर दिया। जगह-जगह आग-आग का शोर होने लगा और सीटियां बजाते सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें वहां पहुंची जहां तबाही का मंजर दिखाई दे रहा था। देखते ही देखते घायलों को बाहर निकाला गया और फिर एक बार जिंदगी पटरी पर आ गई। कैंट हाईस्कूल में बुधवार शाम ऐसा ही नजारा दिखा।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर आपात स्थिति से निपटने के लिए ब्लैक आउट में मॉकड्रिल की गई तो जिले में अपनी तैयारियों को परखा गया। कैंट हाईस्कूल में मुख्य आयोजन हुआ। शाम छह बजे के बाद सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स मौके पर पहुंचने लगे। शाम सात बजे ही मॉक ड्रिल शुरू हो गई। एक घंटे की इस कार्रवाई में यह देखा गया कि हवाई हमला, आग लगने के बाद आखिर कैसे लोगों को बाहर निकाला जाएगा और जान माल की रक्षा हो सके। इस दौरान पुलिस आयुक्त तरुण गाबा, एडीसीपी अजय पाल, जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़, सीईओ छावनी परिषद मो. समीर इस्लाम, सीडीओ हर्षिका सिंह, एडीए सत्यम मिश्र, सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर नीरज मिश्र, एडीसी राकेश कुमार तिवारी, चीफ वार्डन अनिल गुप्ता ‘अन्नू भइया, सीएफओ डॉ. आरके पांडेय मौजूद रहे। ऐसा ही मॉक ड्रिल फाफामऊ आरएएफ सेंटर और फूलपुर में भी हुई।
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