मुख्तार अंसारी जेल में मौत की जांच से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, उच्च न्यायालय जाने की दी छूट
सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की याचिका को निरर्थक मानते हुए खारिज कर दिया। उमर ने अपने पिता को यूपी के बाहर जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी, जिनकी मार्च 2024 में...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी द्वारा 2023 में दाखिल उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी। उन्होंने यूपी के जेल में अपने पिता की हत्या किए जाने की आशंका जाहिर करते हुए यह मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसलिए याचिका को निरर्थक मानते हुए निपटारा कर दिया क्योंकि मुख्तार अंसारी की मौत हो चुकी है। हालांकि शीर्ष अदालत ने उस मांग को भी ठुकरा दिया, जिसमें मुख्तार अंसारी की मौत की जांच की मांग की।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मांग को लेकर आप उच्च न्यायालय में जा सकते हैं। जस्टिस एमएम सुंदरेश और राजेश बिंदल की पीठ ने याचिका का तब निपटारा कर दिया, जब बताया गया कि मार्च 2024 में कथित तौर पर हृदय गति रुकने के कारण जेल में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। मुख्तार अंसारी भाजपा नेता कृष्णानंद राय की हत्या और कई अन्य मामलों में आरोपी थे। 2021 में, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें यूपी की जेल में स्थानांतरित किया गया गया था। इस मामले में, शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से मृतक अंसारी के बेटे को उनकी मौत से संबंधित चिकित्सा और जांच रिपोर्ट की प्रतियां मुहैया कराने का आदेश दिया था। जेल में अंसारी की मौत के बाद, उनके बेटे उमर अंसारी ने शीर्ष अदालत में आरोप लगाया था कि उनके पिता को जेल में जहर दिया गया था और आवश्यक चिकित्सा उपचार न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई। पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता उमर अंसारी की ओर से अधिवक्ता निजाम पाशा ने कहा कि महज इसलिए याचिका निरर्थक नहीं हो सकती कि व्यक्ति की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे को मुख्तार अंसारी की मौत की आशंका थी और इसलिए उन्होंने सुरक्षा की मांग की थी। इस पर जस्टिस बिंदल ने स्पष्ट किया कि मुख्तार अंसारी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। वहीं, दूसरी तरफ यूपी सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता को सभी जिकित्सा रिपोर्ट दे दी गई है। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता पाशा ने पीठ से कहा कि उन्हें मंगलवार को ही रिपोर्ट मिली है और चूंकि यह 500 पन्नों से अधिक है, इसलिए उन्होंने इसे पढ़ने के लिए कुछ समय मांगा है। उन्होंने यह भी कहा कि मौत के कारणों की जांच के लिए एक आवेदन दायर किया गया है। हालांकि, पीठ ने उनकी इस मांग को ठुकराते हुए कहा कि आप (याचिकाकर्ता) अपनी इस मांग के लिए हाईकोर्ट जा सकते है। पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल याचिका पर विचार करने का एकमात्र कारण यह था कि याचिकाकर्ता ने एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरण की मांग की थी। वर्ष 2023 में, उमर अंसारी ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि उनके परिवार के सदस्य राज्य द्वारा उत्पीड़न का लक्ष्य रहे हैं और उन्हें विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि उनके पिता मुख्तार अंसारी की जान को जेल में गंभीर खतरा है, इसलिए उन्हें यूपी से बाहर के किसी भी जेल में भेज दिया जाए।
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